मुख्यमंत्री ने अच्छे बजट के लिए की उद्योग एवं व्यापार जगत से चर्चा
राज्य स्तरीय कर परामर्षदात्री समिति की बैठक
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि उद्योग एवं व्यापार जगत के लोग अपना माइंडसेट बदलें और आधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए अपना लाभ बढ़ाने के साथ ही राज्य सरकार के राजस्व वृद्धि में सहयेाग करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व्यापारियों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने के लिए गंभीर हैं, लेकिन उद्यमी भी समय पर कर देकर राज्य के विकास में सहभागी बनें ताकि हम सब मिलकर एक खुषहाल और विकसित राजस्थान का निर्माण कर सकें।
श्रीमती राजे शुक्रवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में राज्य स्तरीय कर परामर्षदात्री समिति की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि उद्यमी श्रम संगठनों के साथ अपने संबंध बेहतर बनाएं ताकि यहां अधिक से अधिक निवेष आ सके, जिससे प्रदेष के औद्योगिक विकास को गति मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार टैक्स और प्रक्रियाओं का सरलीकरण करने के प्रति सदैव तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देष्य उद्योग जगत पर अनावष्यक कर लगाना नहीं है, लेकिन विकास की दृष्टि से जहां बेहतरीन सुविधाएं सुलभ करवाने की बात आती है तो वहां कर लगाकर ही ये सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। उन्होंने राज्य में उत्पादित होने वाली वस्तुओं की बेहतर मार्केटिंग करने पर जोर दिया, जिससे यहां के उद्यमियों को लाभ मिले और इनसे जुडे़ लोगों को बेहतर रोजगार के अवसर मिल सके।
श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य के आगामी बजट के लिए कर परामर्षदात्री समिति के सुझाव महत्वपूर्ण रहेंगे और उचित सुझावों को बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने प्रदेष में चल रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को जन अभियान बनाने के लिए उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से सहयोग करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने बैठक में 70 से अधिक औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों, कर विषेषज्ञों और अन्य प्रतिनिधियों से करीब 4 घंटे तक विस्तृत विचार विमर्ष किया। उन्होंने उनके सुझावों को गंभीरता से सुना और उचित सुझावों पर अमल करने का आष्वासन दिया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री प्रेम सिंह मेहरा सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी एवं सीआइआई, फिक्की, चैम्बर आफ काॅमर्स, एसोचैम, फोर्टी, यूकोरी, टोडार, बिल्डर्स एसोसिएषन, खाद्य पदार्थ व्यापार संघ, फैडरेषन आॅफ राजस्थान एक्सपोट्र्स, लघु उद्योग भारती सहित सीमेंट, खनन, पर्यटन, होटल्स, सिनेमा आदि क्षेत्रों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
जयपुर, 5 फरवरी 2016