प्रधानमंत्री ने एक बार फिर वसुन्धरा सरकार के प्रयासों को सराहा
मन की बात कार्यक्रम में पीएम ने की ‘अपना बच्चा-अपना विद्यालय’ अभियान की प्रशंसा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान, वन महोत्सव कार्यक्रम एवं फसल बीमा योजना के बेहतर क्रियान्वयन की प्रशंसा के बाद राज्य सरकार के एक और कदम की तारीफ की है।
प्रधानमंत्री ने रविवार को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ‘बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ’ अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि इस अभियान को पूरे देश में स्थानीय आवश्यकता के अनुसार अपनाया गया है। राजस्थान सरकार ने भी ‘अपना बच्चा-अपना विद्यालय’ अभियान चलाकर ड्रॉप आउट हो चुकी बालिकाओं को पुनः स्कूल से जोड़ने एवं उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करने का कार्य किया है, जो एक सराहनीय कदम है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर झुन्झुनूं जिला प्रशासन, सर्व शिक्षा अभियान तथा एनजीओ के सहयोग से झुन्झुनूं जिले में सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने एवं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सत्र 2016-17 में ’अपना बच्चा-अपना विद्यालय’ अभियान शुरू किया गया था। इसके तहत ड्रॉप आउट कर चुकी बालिकाओं को फिर से पढ़ाई से जोड़ने के लिए सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया। अभियान में गांवों में सार्वजनिक स्थानों पर बाल सभाएं आयोजित की गईं, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने गांव के लोगों को अपने बच्चों विशेषकर बालिकाओं को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। अभियान के अच्छे परिणाम नजर आए और जिले के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में नामांकन 15 हजार बढ़ा।
मुख्यमंत्री के विजन को साकार करते हुए प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए आदर्श एवं उत्कर्ष विद्यालय विकसित किए जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों विशेषकर बालिका विद्यालयों में शौचालय बनवाए जा रहे हैं। राज्य सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश में सरकारी स्कूलों में नामांकन 13 लाख से अधिक बढ़ा है। ड्रॉप आउट कर चुकी बालिकाएं फिर से पढ़ाई की ओर लौटी हैं।
इससे पहले ’जल स्वावलम्बन अभियान’ की भी प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम में प्रशंसा की थी और कहा था कि यह अभियान पूरे देश के लिए मॉडल बनेगा। इसके लिए उन्होंने नीति आयोग को निर्देश भी दिए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर प्रदेश में शुरू किए गए वन महोत्सव कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा था कि राजस्थान जैसे मरू भूमि वाले प्रदेश में वन महोत्सव जैसा अभियान चलाना एक बड़ी बात है।
जयपुर, 26 फरवरी 2017