मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने किया जिले का आकस्मिक निरीक्षण, गांव-देहातों में सरकारी सेवाओं और कार्यक्रमों का लिया जायजा, अनियमितताओं पर कार्यवाही के निर्देश
‘आपका जिला, आपकी सरकार’
‘आपका जिला, आपकी सरकार’ कार्यक्रम के तहत जिले के चार दिवसीय दौरे पर पहुंची प्रदेश की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने सोमवार को दूसरे दिन जिलेभर में विभिन्न गांवों का आकस्मिक दौरा किया और यहां पर सरकारी सेवाओं, योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का जायजा लेते हुए पाई गई अनियमितताओं पर संबंधित अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिए।
छात्रावास के बदतर हालातों पर जताई नाराजगी
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे आज सुबह अचानक ही शहर के मध्य स्थित राजकीय महारावल उच्च माध्यमिक विद्यालय के पीछे स्थित जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के जनजाति प्रतिभावान छात्रावास पहुंची। मुख्यमंत्री एक नाले पर बनाए गए पुलिया पर चढ़कर और प्रवेशद्वार पर कीचड़ से भरी राह से गुजरते हुए छात्रावास पहुंची और यहां पहुंचते ही बाहर मौजूद विभाग के कनिष्ठ लिपिक से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि वार्डन के पास दो स्थानों का चार्ज है। मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया कि एक वार्डन दो हाॅस्टलों का ध्यान कैसे रखता होगा। इस दौरान उन्होंने छात्रावास के भीतर विद्यार्थियों के कक्षों को देखा और यहां पर गंदगी भी मिली वहीं बच्चों ने खाना अच्छा नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमत्री ने शौचालय के बारे में पूछा तो बच्चों ने खुले में शौच करने के लिए जाने के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने यहां पर एक कक्ष में कलक्टर को क्षतिग्रस्त छत बताते हुए कहा कि यदि यह छत गिर गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने तत्काल प्रभाव से क्षतिग्रस्त भवन की मरम्मत कराने के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देशित करने के निर्देश दिए।
असामाजिक तत्वों के प्रवेश को रोके:
प्रतिभावान छात्रावास में विद्यार्थियों ने शाम के समय शहर के असामाजिक तत्वों के यहां पर आने, शराब पीने तथा खिड़कियों के कांच तोडने के बारे में जानकारी दी। इस पर उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि ऐसा होने पर आपको पुलिस में शिकायत करनी चाहिए। उन्होंने कलक्टर को निर्देश दिए कि यदि ऐसी स्थिति है तो वे पुलिसकर्मियों को पाबंद करें कि यहां लगातार आकर ऐसी गतिविधियों को रोकें। उन्होंने छात्रावास में किचन को साफ-सुथरा करवाने के साथ ही परिसर की व्यापक सफाई के भी निर्देश दिए और कहा कि ऐसे खेल मैदान में बच्चों के लिए खेलने की व्यवस्थाएं की जावे। मुख्यमंत्री ने छात्रावास की व्यवस्थाएं दुरस्त करने के साथ फोटो के साथ कार्य संपादन की जानकारी भेजने के निर्देश जिला कलक्टर को दिए।
डूंगरपुर में हो सकता है तो जयपुर में क्यों नहीं:
प्रतिभावान छात्रावास में पहुंची मुख्यमंत्री को मिलने के लिए शहर के भोईवाड़ा क्षेत्र की कुछ महिलाएं पहुंची जिनके हाथ में कपड़े के बैग थे। मुख्यमंत्री ने पालीथीन के स्थान पर कपड़े के बैग देखकर साथ में चल रही सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ को कहा कि यदि डूंगरपुर में परिषद् इस प्रकार से कपड़े के बैग बांटकर पाॅलिथीन के प्रयोग को रोक सकती है तो जयपुर में ऐसा क्यों नहीं हो सकता।
सुरपुर में देखा अन्नपूर्णा भंडार:
आकस्मिक निरीक्षण के लिए निकली मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने सुरपुर गांव से निकलते हुए गांव में अन्नपूर्णा भंडार को देखा तो वहां रूक गई और भंडार संचालक से उपभोक्ताओं को दी जाने वाली वस्तुओं के बारे में जानकारी ली। संचालक ने भंडार में आने वाली सामग्री की कीमतों के अधिक होने की बात की तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया और पूरी पड़ताल की तो पाया कि भंडार को 53 रुपये में मिलने वाली वस्तु की बिक्री राशि 72 है जबकि उस पर एमआरपी 130 लिखी पाई गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि भंडार संचालक एमआरपी पर वस्तुएं बेचकर वस्तु के अधिक कीमत का भ्रम पैदा कर रहा है जबकि उपभोक्ताओं को अन्नपूर्णा भंडारों पर वस्तुएं बाजार दर से 50 से 60 रुपये कम दर पर मिल रही हैं। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति पर नाराजगी जताई और मौके से ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुबोध अग्रवाल को अन्नपूर्णा भंडार की स्थिति बताई और कहा कि भंडारों पर दाल व चावल के पैकेट भी नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने अग्रवाल को निर्देशित किया कि राज्य के समस्त अन्नपूर्णा भंडारों पर उपलब्ध वस्तुओं की बिक्री राशि की सूची लिखवाई जावे। मुख्यमंत्री ने कलक्टर सोलंकी को अन्नपूर्णा भंडार की तत्काल जांच करवाने के निर्देश दिए और कहा कि ऐसी स्थिति वाले भंडार संचालकों को तत्काल हटाया जाए। मौके पर मुख्यमंत्री ने मौजूद ग्रामीणों से भी संवाद किया और अन्नपूर्णा भंडारों पर बाजार दर से काफी कम कीमत पर मिल रही गुणवत्तायुक्त सामग्री को खरीदने का आह्वान किया।
सुन्दरपुर में अटल सेवा केन्द्र देखा:
सुरपुर से निकली मुख्यमंत्री ने कुछ किलोमीटर आगे सुन्दरपुर गांव के अटल सेवा केन्द्र पर रूकी और यहां पर भवन की दिवारों पर महात्मा गांधी नरेगा योजना तथा ग्रामीण विकास विभाग की अन्य योजनाओं के लाभार्थियों की वाॅल पेंटिंग देखी। उन्होंने यहां पर ग्रामीणों से भी बात की और विकास योजनाओं के बारे में जानकारी ली।
घुघरा की विशेष आॅडिट करवाने के निर्देश:
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने ग्राम पंचायत घुघरा में इंदिरा आवास की लाभार्थी लक्ष्मी पत्नी कांति के अधूरे आवास को देखा और इस बारे में जानकारी ली तो पाया कि उसको मात्र दस हजार रुपयों का भुगतान बाकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लाभार्थी को दस हजार रुपये मिल भी जाते हैं तो अब आवास पूरा कैसे होगा ? इसके बाद मुख्यमंत्री ने एक अन्य लाभार्थी लक्ष्मी पत्नी मावजी का अपूर्ण आवास भी देखा और मौके से ही ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजीव सिंह ठाकुर से बात की तथा बताया कि आवासों का निर्माण प्रावधानों के अनुसार नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने इन स्थितियों पर कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए। यहां पर कुछ ग्रामीणों ने बाहर के लोगों द्वारा गांव की चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करने सहित कई अन्य अनियमितताओं की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने कलक्टर को निर्देश दिए कि ग्रामीणों की सारी शिकायतों पर गांव की विशेष आॅडिट करवाते हुए कार्यवाही सुनिश्चित करें।
बैंक वाले खाते से रुपये नहीं देते हैं:
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने घुघरा गांव में ग्रामीणों से संवाद किया तो एक युवा हितेश डोडियार ने कहा कि बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक घुघरा में इंदिरा आवास के लिए सरकार द्वारा खाते में डाली राशि को निकालने नहीं दिया जाता है और कहा जाता है कि यदि रुपये चाहिए तो मेट और सचिव को साथ में लाओ। उसने बताया कि इससे पहले की भी उनके खाते में राशि जमा है। मुख्यमंत्री ने इस पर मुख्य सचिव से बात की संबंधित बैंक के साथ बैठक करते हुए ऐसी स्थितियों को दूर करने के निर्देश दिए।
माडा में छात्रावास की दशा सुधारने के निर्देश:
अपने आकस्मिक निरीक्षण की श्रृंखला में मुख्यमंत्री ने माडा गांव में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संचालित जनजाति आश्रम छात्रावास का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां पर बिजली के खुले तार और कक्ष नंबर 2 में गिरे प्लास्टर को देखकर नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने यहां पर भंडार में सड़े हुए गेहूं और पोहे देखकर वार्डन को फटकार लगाई। उसने बताया कि यह सामग्री एक्सपायर है और इसे बाद में फेंक दिया जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री ने दूसरे स्टोर की भी जांच की। यहां पर उन्होने वार्डन से शौचालयों व बाथरूम के उपयोग के बारे में पूछा तो उसने बताया कि पानी की कमी के कारण बच्चे बाहर ही शौच करते हैं और बाहर ही नहाते हैं। मुख्यमंत्री ने छात्रावास भवन की जर्जर हालत देखकर कलक्टर को निर्देश दिए कि एक व्यवस्थित प्लान बनाकर ऐसे भवनों को गिराकर नए भवनों को बनवाया जाए।
सीसी सड़क अनियमितता पर कार्यवाही के निर्देश:
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने ग्राम पंचायत कांकरादरा में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत प्राथमिक विद्यालय कांकरादरा से हनुमानजी तक की सड़क के निर्माण में अनियमितता पाई। मुख्यमंत्री ने यहां पर इसी नाम से दो सड़कों का निर्माण करना पाया गया जबकि मुख्य सड़क से प्राथमिक विद्यालय तक की डेढ़ सौ से दो सौ मीटर तक की सड़क का निर्माण नहीं करना पाया गया। मुख्यमंत्री इस सड़क के अंतिम छोर हनुमानजी मंदिर तक गई परंतु मंदिर से काफी पहले ही सड़क का निर्माण छोड़ दिया गया था। उन्होंने इस स्थिति को असंतोषजनक बताया और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए जिला कलक्टर को निर्देश दिए।
अपूर्ण शौचालयों व बीपीएल आवासों पर जताया रोष:
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ घोषित हो चुकी ग्राम पंचायत कांकरादरा में चार लाभार्थियों के यहां अधूरे शौचालयों का निरीक्षण किया और बिना पूरा शौचालय बने राशि के भुगतान की स्थिति पाई। मुख्यमंत्री पहाड़ी पर चढ़कर आसपास के घरों तक भी पहुंची तो वहां पर शौचालय के अपूर्ण निर्माण के साथ-साथ मुंबई में रह रहे एक व्यक्ति के अपूर्ण बीपीएल आवास को पाया। उन्होंने शौचालय निर्माण की लाभार्थी महिला से भी बात की तो उसने बताया कि किसी एजेंसी द्वारा इसका निर्माण करवाया गया है और उसे इसके लिए कोई राशि नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति को सरकारी राशि का दुरूपयोग बताया और निर्देश दिए कि कांकरादरा ओडीएफ की पुनः समीक्षा की जाए और संबंधित कार्यकारी एजेंसी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाई जाए।
गैंजी में देखी राशन दुकान, सुनी ग्रामीणों की समस्याएं:
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने ग्राम पंचायत गैंजी में राशन दुकान का निरीक्षण किया और यहां पर भंडार में रखे गेहूं को देखा। उन्होंने यहां पर पोस मशीन की सहायता से हो रहे राशन वितरण की जानकारी ली और ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी। ग्रामीणों ने यहां पर थ्री-फेज विद्युत आपूर्ति मात्र दो घंटे मिलने की जानकारी दी। ग्रामीणों ने बोर का भाटड़ा बांध के अपूर्ण निर्माण की भी जानकारी देते हुए कार्य पूर्ण कराने का आग्रह किया।
डूंगरपुर, 8 अगस्त 2016