गोमाता के संरक्षण के लिए प्लास्टिक का उपयोग रोकें
मुख्यमंत्री की मार्मिक अपील
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने गोमाता को बचाने के लिए लोगों से प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने की मार्मिक अपील की है। श्रीमती राजे ने कहा कि गोमाता का संरक्षण हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने गायों को सड़क पर खुला छोड़ने की प्रवृत्ति पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कई लोग ऐसे हैं जो गोमाता से दूध तो ग्रहण करते हैं, लेकिन बाद में उन्हें सड़क पर खुला छोड़ देते हैं। उनकी देखभाल नहीं करते। उन्होंने कहा कि गोमाता एक राजनीतिक प्रकरण नहीं, पूजा का आधार है।
श्रीमती राजे शुक्रवार को भट्टारक जी की नसियां स्थित श्री हरिशचन्द्र तोतूका सभा भवन में अन्तर्राष्ट्रीय वैदिक सम्मेलन एवं संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं।
श्रीमती राजे ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान गायों के पेट से प्लास्टिक पदार्थ, थैलियां मिलना हम सभी के लिए चिंता का कारण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तो अमूल्य गोधन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हरसंभव प्रयास कर ही रही है लेकिन यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने समारोह में उपस्थित लोगों का आहवान किया कि वे गायों की पुत्रवत देखभाल करने का संकल्प लेकर पूजनीय गोमाता को बचाएं।
श्रीमती राजे ने इससे पहले कहा कि वैदिक ज्ञान के संरक्षण तथा संस्कृत शिक्षा को बढावा देने के लिए राज्य सरकार सभी प्रयास कर रही है। वेदों के मर्म को समझने के लिए संस्कृत का ज्ञान जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग तथा वैदिक ज्ञान का प्रसार व्यापक रूप से होना चाहिए।
इस अवसर पर श्रीमती राजे ने मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना, अपनी बेटी योजना, राजश्री योजना, ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना का जिक्र करते हुए सभी से मातृ शक्ति के सम्मान का संकल्प लेने का आहवान किया।
इससे पहले श्रीमती राजे ने महाकवि जयदेव द्वारा रचित महाकाव्य गीत गोविन्द पर आधारित रासलीला की मनोहारी प्रस्तुति देखी। उन्होंने समारोह में वैदिक ज्ञान का प्रसार करने वाले विद्वानों को सम्मानित किया। इस अवसर पर संस्कृत शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सराफ, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत, सार्वजनिक प्रन्यास मंडल के सभापति श्री एसडी शर्मा, संस्कृत अकादमी की अध्यक्ष डॉ. जया दवे सहित बड़ी संख्या में वेद मर्मज्ञ तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।
जयपुर, 9 सितम्बर 2016