मूक-बधिर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आगे आएं भामाशाह
डॉल्स म्यूज़ियम का लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राजस्थान में देश के पहले मूक-बधिर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन के साथ मिलकर प्र्रस्ताव तैयार करने की पहल की है। यदि स्थानीय लोग, भामाशाह, विशेषज्ञ साथ मिलकर आगे आएं, तो पब्लिक प्राइवेट पार्ट्नरशिप के तहत विश्वविद्यालय स्थापित करने का यह सपना साकार हो सकता है।
श्रीमती राजे शनिवार को राजकीय सेठ आनंदीलाल पोद्दार मूक-बधिर विद्यालय प्रांगण में सविता रणजीत सिंह भंडारी डॉल्स म्यूज़ियम के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने प्रदेश के भामाशाहों और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न विधाओं से जुड़े लोगों का आह्वान किया है कि वे इसके लिए एक साथ जुटें। उन्होंने कहा कि मूक-बधिर दिव्यांग बच्चों के लिए उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए ऐसे संस्थान की स्थापना एक बड़ा सपना है, जिसे समाज के सक्षम लोग, प्रबुद्धजन और राज्य सरकार आपसी समन्वय और योगदान से पूरा कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने मूक-बधिर विद्यालय और डॉल्स म्यूज़ियम के संचालन में अग्रणी भूमिका निभा रहे ट्रस्ट को म्यूज़ियम और विद्यालय के लिए होस्टल सहित अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यहां दुनिया भर की गुड़ियाओं का अनोखा और बहुत विशाल संग्रह है, जिसे स्थापित करने में कड़ी मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है।
श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश भर में संग्रहालयों की स्थापना और रख रखाव के लिए विशेष प्रयास कर रही है। इस दिशा में कुल 18 म्यूज़ियम में जीर्णोद्धार और सुविधाओं के विकास का काम हाथ में लिया गया, जिसमें से 10 संग्रहालयों में काम पूरा हो चुका है। उन्होंने संग्रहालयों के रख-रखाव और प्रबंधन के लिए भी लोगों और संस्थाओं से आगे आने की अपील की।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने सविता रणजीत सिंह भंडारी डॉल्स म्यूज़ियम का फीता काटकर उद्घाटन किया। उन्होंने म्यूज़ियम की विभिन्न दीर्घाओं का अवलोकन भी किया। इस म्यूजियम में दुनिया के 40 देशों और भारत के विभिन्न राज्यों की 700 से अधिक गुड़ियाओं का संग्रह है। इनके माध्यम से दुनियाभर की कला-संस्कृति, बच्चों के ड्रेसेज तथा खेलों आदि की झलक मिलती है।
श्रीमती राजे ने समारोह में मूक बधिर छात्र-छात्राओं की और से नृत्य प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया और उनकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सुनाई नहीं देने के बावजूद इन विद्यार्थियों द्वारा संगीत के साथ नृत्य का बेहतरीन तालमेल बेमिसाल है। उन्होंने इसके लिए नृत्य शिक्षिका को भी बधाई दी।
इस अवसर पर पद्मभूषण डॉ. डीआर मेहता, श्री यशवन्त कंवर रणजीत भंडारी ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी श्री एसएस भंडारी, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव शिक्षा श्री नरेशपाल गंगवार, प्रमुख शासन सचिव पयर्टन श्री कुलदीप रांका सहित अनेक गणमान्यजन और विद्यालय के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
जयपुर, 14 जुलाई 2018