राजनीति का चलता फिरता विद्यालय थे स्व. भैरोंसिंह
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत राजनीति का चलता फिरता विद्यालय थे, जिन्होंने अपनी नीतियों और योजनाओं के जरिये आम गरीब व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊंचा उठाया। स्व. शेखावत ने जन सेवा के लिए राजनीति को एक माध्यम के रूप में चुना।
श्रीमती राजे सोमवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में आयोजित प्रथम स्व. भैरोंसिंह शेखावत स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनका आशीर्वाद मिला और मैंने उनसे राजनीति में बहुत कुछ सीखा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. भैरोंसिंह ऐसे राजनेता थे जो शत्रु नहीं बनाते थे और उनके मित्र सभी राजनीतिक दलों में थे। उन्होंने हमेशा कतार में सबसे आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति को गणेश माना। वे कहते थे कि सबसे दूर बैठा व्यक्ति हमारी नजर में सबसे पहला व्यक्ति होना चाहिए।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में स्व. शेखावत ने ’अंत्योदय योजना’ तथा ’काम के बदले अनाज योजना’ लागू की, जो प्रदेश के गरीब और वंचितों के प्रति समर्पित थीं। उन्होंने पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए काम किया। हमारी सरकार ने भी उनके अंत्योदय के सपने को पूरा करने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति का प्रदेश में आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि विराट व्यक्तित्व के धनी श्री मुखर्जी देश के पहले राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने प्रतिभाओं के लिए राष्ट्रपति भवन के दरवाजे खोले हैं।
श्रीमती राजे ने सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री पवन कुमार चामलिंग को प्रथम श्री भैरोंसिंह शेखावत लाइफटाइम अचीवमेंट ऑनर इन पब्लिक सर्विस पुरस्कार पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
जयपुर, 15 मई 2017