’ग्राम’ से आएगी राजस्थान में नई कृषि क्रांति
ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट-2016 का समापन
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट-2016 का सफल आयोजन राजस्थान में एक बड़ी कृषि क्रांति की शुरूआत है। यह सम्मेलन प्रदेश के लाखों किसानों और पशुपालकों के खेतों में समृद्धि की फसल उगाने के साथ ही उनके चेहरों पर मुस्कान लायेगा।
श्रीमती राजे शुक्रवार को जयपुर एग्जीबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर में तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के जरिए राज्य सरकार ने उद्यमियों और किसान के बीच की दूरी को कम कर एक सेतू बनने का काम किया है। हमारा संकल्प है कि खेती एक लाभकारी व्यवसाय में बदले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन से लौटने के बाद हमारा अन्नदाता किसान अपने खेत में ज्यादा बोयेगा, ज्यादा उगाएगा, ज्यादा बेचेगा, ज्यादा कमायेगा और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मार्केट से ज्यादा जुड़ पाएगा। किसानों के जीवन में आने वाली खुशहाली से निश्चय ही राजस्थान भी तरक्की के नए पथ पर आगे बढ़ेगा।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने खेत और किसान तथा पशु और पशुपालक की खुशहाली के लिए ऐसा आयोजन किया है, जिसके सुखद परिणाम जल्द ही सामने आयेंगे। इजराइल, ईरान, ताजिकस्तान, कजाकिस्तान, नाइजीरिया, जापान, नीदरलैण्ड, यूके, ऑस्ट्रेलिया, सर्बिया तथा वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लेकर हमारे किसान भाइयों का उत्साह बढ़ाया है।
प्रगतिशील किसान एवं पशुपालक सम्मानित
समारोह में श्रीमती राजे ने प्रगतिशील किसानों एवं पशुपालकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने जैविक खेती के लिए सीकर जिले के किसान रामकरण सिंह, दौसा जिले की श्रीमती रूबी पारीक, झालावाड़ जिले के श्री हुकुमचंद पाटीदार को एक-एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया।
इसी प्रकार आत्मा योजना में श्रेष्ठ कार्य के लिए झालावाड़ जिले की श्रीमती संतोष कुमारी तथा टोंक जिले के श्री भूरे खां, पशुपालन के लिए श्रीमती रामू (अजमेर) व श्रीमती सुमनदीप कौर (कोटा) को सम्मानित किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने डेयरी क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए दुग्ध समिति, बिलाड़ा के अध्यक्ष पुरखाराम चोयल, दुग्ध समिति घिनौई (जयपुर) के दुग्ध उत्पादक श्री भैरूराम, दुग्ध समिति गणेशगढ़ (गंगानगर) की महिला दुग्ध उत्पादक श्रीमती सुशीला को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया।
भरतपुर जिले के श्री वीरेन्द्र पाल सिंह, बीकानेर की श्रीमती सुनीता जयपुर के श्री अजीत सिंह, जालोर की मोरी देवी, जोधपुर के श्री ब्रह्मसिंह देवड़ा, कोटा के श्री राकेश कुमार, सीकर के श्री रडमल को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में 348 महिला पशुपालकों को 2 राज्य स्तरीय, 64 जिला स्तरीय, 282 पंचायत स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। दो किसानों को राज्य स्तरीय पुरस्कार एवं 20 को जिला स्तरीय कृषक पुरस्कार प्रदान किए गए। तीन किसानों को जैविक खेती के लिए सम्मानित किया गया।
प्रत्येक एमओयू के क्रियान्वयन लिए एक वरिष्ठ अधिकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में 4400 करोड़ के एमओयू हुए हैं। यह राशि रिसर्जेंट राजस्थान के दौरान कृषि से जुड़े एमओयू की कुल राशि की दुगुनी से भी ज्यादा है। यह ’ग्राम’ की सफलता को दर्शाता है। उन्होंने निवेशकों, किसानों और पशुपालकों को विश्वास दिलाया कि इन एमओयू को सरकार निश्चित रूप से हकीकत में बदलेगी। श्रीमती राजे ने कहा कि ’ग्राम’ में किए गए प्रत्येक एमओयू के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो इन्हें धरातल तक लाने में समन्वय का काम करेगा।
मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद का कृषि उप समूह बनेगा और अधिक सशक्त
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री सलाकार परिषद के कृषि उप समूह को अधिक सशक्त बनाएगी, जिससे कि कृषि क्षेत्र की योजनाओं का बेहतर मूल्यांकन किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान, आपका जिला आपकी सरकार तथा पंचायत स्तर पर लगने वाले शिविरों में किसानों और पशुपालकों की जरूरत का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने ग्राम के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री और राज्य सरकार का आभार जताते हुए कहा कि श्रीमती राजे किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कृषि से जुडे़ वैज्ञानिकों, उद्यमियों, अनुसंधानकर्ताओं और किसानों का यह महासम्मेलन उनकी वचनबद्धता का प्रमाण है।
इजराइल की तर्ज पर लोग आयेंगे राजस्थान
श्री सिंह ने कहा कि जो कृषि सुधार कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने लागू किए हैं उनके परिणाम स्वरूप आने वाले कुछ वर्षां में राजस्थान इस क्षेत्र में इतनी तरक्की करेगा कि लोग इजराइल की तरह ही यहां आकर कृषि नवाचारों का ज्ञान लेंगे।
प्रदेश सरकार ने कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन नीति-2015 पिछले वर्ष ही घोषित कर दी थी। इस नीति का उद्देष्य भी राज्य के किसानों की आय बढ़ाकर प्रदेश को खुशहाल बनाना है। उन्होंने कहा कि परम्परागत खेती के अनुभवों और नई तकनीक को जोड़ने से ही किसानों की तरक्की के रास्ते खुलेंगे।
मार्च 2017 तक सभी को सोयल हैल्थ कार्ड
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान से शुरू की गई सोयल हैल्थ कार्ड योजना के लिए प्रदेशभर से 23 लाख मिट्टी के नमूने इकट्ठा करके सभी किसानों को सोयल हैल्थ कार्ड जारी करने का काम मार्च 2017 तक सबसे पहले पूरा हो जायेगा।
कार्यक्रम को केन्द्रीय मंत्रियों श्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, श्री सीआर चौधरी और श्री पीपी चौधरी ने भी सम्बोधित किया। मुख्य सचिव श्री ओपी मीणा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा प्रमुख शासन सचिव कृषि श्रीमती नीलकमल दरबारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
समारोह में गोपालन मंत्री श्री ओटाराम देवासी, राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष श्री सांवरमल जाट, राजस्थान राज्य भण्डारण निगम के उपाध्यक्ष श्री जनार्दन सिंह गहलोत, राज्य मंत्रीपरिषद के सदस्य, सांसद तथा विधायक एवं गणमान्यजन सहित बड़़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
जयपुर, 11 नवम्बर 2016