40 हजार परिवारों को मिलेगा शत-प्रतिशत अनुदान पर एलपीजी गैस कनेक्शन, महिलाओं को जलाऊ लकड़ी के लिए जंगल जाने से मिलेगी निजात
मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की क्रियान्विती
रणथम्भौर, सरिस्का एवं मुकून्दरा हिल्स बाघ परियोजना के कोर एवं बफर जोन में स्थित गांवों तथा टाईगर रिजर्व की सीमा से सटे गांवो के 40 हजार परिवारों को राज्य सरकार 100 प्रतिशत अनुदान पर एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराएगी। राज्य सरकार के इस कदम से संरक्षित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की महिलाओं को जलाऊ लकड़ी एकत्र करने जंगल जाने से निजात मिलेगी और वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास भी संरक्षित रहेंगे।
मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की क्रियान्विती
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने वर्ष 2016-17 के बजट भाषण में टाईगर रिजर्व क्षेत्र एवं आसपास के गांवों में नए गैस कनेक्शन में 100 प्रतिशत अनुदान देने और इस वित्तीय वर्ष में 40 हजार गैस कनेक्शन जारी करने की घोषणा की थी। श्रीमती राजे की इस बजट घोषणा की क्रियान्विती में राज्य सरकार ने ‘जलाऊ लकड़ी मुक्त ग्राम योजना‘ के तहत इन परिवारों को गैस कनेक्शन देने के लिए कार्य योजना बनाई है।
चूल्हे के धुएं से मिलेगी निजात
इस योजना के तहत टाईगर रिजर्व एवं आसपास के क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय लोगों को ईंधन का वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध होगा और जलाऊ लकड़ी के लिए उनकी वनों पर निर्भरता कम होगी। स्वच्छ ईंधन के उपयोग से प्रदूषण में कमी आएगी और चूल्हे के धुएं से महिलाओं को होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी मुक्ति मिलेगी। साथ ही महिलाओं के जलाऊ लकड़ी काटने के लिए जंगल जाने में बर्बाद होने वाले समय की बचत होगी और वे सामाजिक-आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगी।
लाभान्वित परिवार लेंगे ‘कुल्हाड़ी बंद‘ का संकल्प
गैस कनेक्शन प्राप्त करने से पहले लाभान्वित परिवारों को पारिस्थितिकीय विकास समिति या ग्राम पंचायत ‘कुल्हाड़ी बंद‘ का संकल्प पत्र भरवाएगी, जिसमें उन्हें यह संकल्प करना होगा कि परिवार का कोई भी सदस्य वन क्षेत्र में लकड़ी काटने नहीं जाएगा। इसके अलावा यह भी संकल्प लेंगे कि परिवार के सदस्य वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण में पूर्णतः सहयोग करेंगे।
परिवार की महिला के नाम जारी होगा कनेक्शन
योजना के तहत लक्षित समूह के प्रत्येक परिवार को गैस कनेक्शन दिया जाएगा, जिसकी शत-प्रतिशत वास्तविक लागत राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी और इसकी अधिकतम सीमा 5 हजार रुपए होगी। रणथम्भौर, सरिस्का एवं मुकून्दरा हिल्स बाघ परियोजना के कोर एवं बफर जोन में स्थित गांवों में रहने वाले परिवार योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। गैस कनेक्शन परिवार की महिला के नाम जारी किया जाएगा, लेकिन किसी परिवार में महिला सदस्य नहीं होने पर पुरूष सदस्य के नाम से कनेक्शन जारी होगा।
उप वन संरक्षक तैयार करेंगे लक्षित गांवों की सूची
‘जलाऊ लकड़ी मुक्त ग्राम योजना‘ को ‘प्रधानमंत्री उज्जवला योजना‘ से डवटेल किया जाएगा और ऐसे परिवार जो उज्जवला योजना में गैस कनेक्शन के पात्र हैं उन्हें दोनों योजनाओं में देय अनुदान राशि की अंतर राशि स्वीकृत की जाएगी। योजना वन विभाग द्वारा बाघ संरक्षण फाउंडेशन तथा पारिस्थितिकीय विकास समिति के माध्यम से क्रियान्वित होगी लेकिन ऐसे गांव जहां फाउंडेशन या समिति गठित नहीं है, वहां ग्राम पंचायत के माध्यम से पात्र परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। उप वन संरक्षक लक्षित गांवों की सूची तैयार करेंगे, जिसमें टाईगर रिजर्व से विस्थापित किए जा रहे गांवों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
क्रियान्विती की होगी मॉनिटरिंग
इस योजना की मॉनिटरिंग जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गांवों के स्वैच्छिक विस्थापन के लिए गठित जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति द्वारा की जाएगी। समिति द्वारा संबंधित जिले में इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने एवं लक्षित गांवों में योजना के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव वन श्री एन.सी. गोयल ने कोटा, सवाई माधोपुर, अलवर, करौली, टोंक, बूंदी, झालावाड़ एवं चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर को पत्र लिखा है।
जयपुर, 29 अक्टूबर 2016