16 वर्ष के उमेश के लिये जीवनवाहिनी बनी भामशाह स्वास्थ्य बीमा योजना
सिरोही। कसरत करने के शौकीन उमेश के एक शाम कसरत के दौरान ही पेट में दर्द उठा। उमेश कसरत छोड़ जमीन पर बैठ गया, ये सोचकर कि ज्यादा वजन उठाने की वजह से दर्द हुआ होगा, जो थोड़ी देर में सही हो जाएगा। उमेश का अनुमान गलत निकला और उसके पेट का दर्द घटने की बजाय बढ़ता चला गया। उमेश के घरवाले परेशान हो उठे और अपने बेटे को दर्द से कराहता देख उनकी आखों से आसूं बहने लगे। आनन फानन में उमेश के परिजन उसे माउन्ट आबू स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल लेकर आये। अस्पताल में आते ही चिकित्सकों ने उमेश का इलाज प्रारंभ कर दिया। इसी दौरान उमेश के अभिभावकों को अस्पताल के कर्मचारियो से भामाशाह योजना के बारे में पता चला, जिससे उनकी हिम्मत बंधी। उमेश की जांच कर उसे एडमिट कर लिया गया। जांच में सामने आया कि काफी समय से उमेश को हर्निया की तकलीफ थी, जिसने उस शाम गलत कसरत करने और ज्यादा वजन उठाने की वजह से गंभीर रूप ले लिया था।
चिकित्सकों के अनुसार उमेश की तकलीफ अब इस कदर बढ़ चुकी थी कि दवा इत्यादि से उपचार नहीं हो सकता था। अब उमेश को हर्निया की इस असहनीय तकलीफ से निजात दिलाने का एकमात्र विकल्प ओपरेशन ही बचा था। अस्पताल के चिकित्सकों ने निर्णय लिया कि बिना समय गँवाए उमेश का ओपरेशन करना पड़ेगा द्य आखिरकार उसी रात परिवार वालों की सहमती से इमरजेंसी में ग्लोबल हॉस्पिटल के जनरल सर्जन डॉ सोमेन्द्र मोहन शर्मा ने उमेश का ओपरेशन किया। लगभग एक घंटे तक चला यह ओपरेशन सफल रहा और उमेश को हर्निया की बीमारी से निजात मिली। ओपरेशन के बाद चार दिन तक उमेश को चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया। इसके बाद उमेश को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. स्पताल में उमेश का भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निशुल्क इलाज हुआ. छुट्टी होने के समय मरीज उमेश और उसके माता पिता बहुत खुश थे और उन्होंने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना और माउन्ट आबू के ग्लोबल हॉस्पिटल का ह्रदय से आभार व्यक्त किया अस्पताल के चिकित्सकों ने भी योजना को उमेश और उसके जैसे गरीब और असमर्थ लोगों के लिए वरदान बताया।
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