रोजे की बरकत से राजस्थान में कायम रहे भाईचारा
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि रोजा इंसान के शरीर, मन और आत्मा को पवित्र करने का जरिया है। यह आत्म नियंत्रण, त्याग एवं कुर्बानी की आला मिसाल है। उन्होंने कहा कि मैं मालिक से दुआ करती हूं कि वह रोजे की बरकत से मेरे राजस्थान रूपी इस परिवार में एकजुटता, प्यार, मोहब्बत और आपसी भाईचारा कायम रखे।
श्रीमती राजे सोमवार को 8, सिविल लाइन्स में आयोजित रोजा इफ्तार में प्रदेशभर से आये रोज़ेदारों को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने सभी को इस मुकद्दस मौके पर अपनी दिली मुबारकबाद देते हुए कहा कि खुदा आपके रमजान के रोजे, दुआएं और इबादत कबूल फरमाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजा इस्लाम के पांच बुनियादी सिद्धान्तों में से एक अहम सिद्धान्त है। रोजा केवल भूखे रहने का नाम ही नहीं है, बल्कि रोजा इंसान को उसकी इच्छाओं और ख्वाहिशों पर काबू पाने एवं सभी तरह की बुराइयों से बचाने का नाम है। रोजा इंसान को मालिक के करीब लाता है। साथ ही हमारे अंदर से जात-पात, मजहब का फर्क मिटाकर हमें इंसानियत की माला में पिरोता है।
श्रीमती राजे ने कहा कि आइये! इस मुकद्दस मौके पर हम परवरदिगार से दुआ करें कि हमारे देश और प्रदेश में हमेशा भाईचारा और सद्भाव का माहौल बरकरार रहे। उन्होंने रोजदारों से गुजारिश की कि 30 रोजों की बरकत के बाद जब आप ईद की नमाज अदा करने जाएं तो प्रदेश की खुशहाली और अमन-चैन के लिए अल्लाह की बारगाह में दुआ जरूर करें।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री अशोक परनामी ने भी रोजदारों को सम्बोधित किया। शहर काजी खालिद उस्मानी साहब ने रोजा इफ्तार के बाद मगरीब की नमाज अदा करवाई एवं देश-प्रदेश में अमन, चैन तथा खुशहाली की दुआ की। इससे पहले अंजुमन सैयजादगान, अजमेर दरगाह के सदर सैयद मोइन हुसैन, सचिव सैयद वाहिद हुसैन तथा सैयद अफसान चिश्ती ने मुख्यमंत्री की दस्तारबंदी की।
जयपुर, 4 जुलाई 2016