ग्लोबल राजस्थान एग्रीमीट में साझीदार होंगे चार देश और चार प्रदेश
कोटा के नान्ता में सेंटर आॅफ एक्सीलेंस, सिट्रस का लोकार्पण
श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि नवम्बर के द्वितीय सप्ताह में जयपुर में ग्लोबल राजस्थान एग्री मीट (ग्राम) का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में चार देश नीदरलैंड, इजरायल, कनाडा और आॅस्ट्रेलिया तथा चार प्रदेश साझीदार बनेंगे। रिसर्जेन्ट राजस्थान की तर्ज पर आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में लगभग 55 हजार किसानों को सीधे तौर पर जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। इसमें उन्हें नई-नई तकनीक की जानकारी दी जाएगी।
श्रीमती राजे बुधवार को कोटा के नान्ता में सेंटर आॅफ एक्सीलेंस, सिट्रस के लोकार्पण समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि जिस तरह नागपुर संतरे के लिए जाना जाता है, उसी तरह हाड़ौती को भी संतरे के लिए जाना जाएगा। उन्होंने बताया कि हम गत वर्ष नागपुर गए थे, तो वहां जानकारी मिली कि कोटा, झालावाड़ और बारां जिलों में संतरे के रूट स्टाॅक वहां से आए हैं। हमने उसी वक्त तय कर लिया था कि इन जिलों को संतरे के उत्पादन में नागपुर जैसा ही बनाएंगे। हमारे प्रयासों के फलस्वरूप आज इजरायल के सहयोग से नींबूवर्गीय फसलों का सेंटर आॅफ एक्सीलेंस हमारे सामने है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सेंटर पर अंगूर की खेती का भी प्रयोग किया जा रहा है, अगर यह सफल होती है, तो किसानों के लिए यह बड़ी सौगात होगी। उन्होंने संतरे में लगने वाली बीमारियो के नियंत्रण के लिए अलग से शोध अनुभाग बनाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत कार्यकाल में हमने इजरायल के सहयोग से कई बड़े-बड़े काम किए थे। आने वाले समय में उनके साथ मिलकर और कई काम करने जा रहे हैं। इजरायल के साथ शैक्षणिक आदान-प्रदान पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने जल संग्रहण के काम के लिए इजरायल के राजदूत से आग्रह किया कि वे अपने देश के कुछ विशेषज्ञों को प्रदेश के साथ जोड़ दें। उन्होंने खेती में पानी के कुशलतम उपयोग की सलाह दी। उन्होंने कृषि विस्तार गतिविधियों को नए सिरे से शुरू करने की आवश्यकता जताई।
तीन नए उत्कृष्टता केन्द्रों की घोषणा
श्रीमती राजे ने कहा कि किसानों तक खेती की नवीन तकनीक पहुंचाने, प्रशिक्षित करने और अच्छी किस्म के पौधे उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में तीन नए उत्कृष्टता केन्द्र खोले जायेंगे। उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ में सीताफल, बूंदी में सब्जियों और सवाई माधोपुर में फूलों का उत्कृष्टता केन्द्र खोला जाएगा। झालावाड़ में संतरे का, टोंक में अमरूद का, जयपुर के बस्सी में अनार का, धौलपुर में आम और जैसलमेर में खजूर का उत्कृष्टता केन्द्र पहले से ही चल रहा है।
जैविक खेती अपनाएं, बीमारियों से मुक्ति पाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें जैविक खेती अपनाने की जरूरत है। रासायनिक खादों के उपयोग से लोगों की और जमीन की सेहत खराब होती जा रही है। सरकार ने जमीन के स्वास्थ्य को जांचने के लिए साॅयल हेल्थ कार्ड योजना चलाई है। अब तक 6 लाख किसानों के साॅयल हेल्थ कार्ड बन चुके हैं, अगले तीन सालों में सभी किसानों के साॅयल हेल्थ कार्ड बना दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पिछले दो वर्षों में बीमा कम्पनियों को प्रीमियम के रूप में 350 करोड़ रूपये दिए, जिसके बदले 1 करोड़ 78 लाख किसानों को 3 हजार 61 करोड़ 77 लाख रूपए का ऐतिहासिक बीमा क्लेम दिया गया। श्रीमती राजे ने इससे पहले सेंटर आॅफ एक्सीलेंस का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने पौधे तैयार करने की तकनीक, ग्रीन हाउस संचालन पद्धति के बारे में जानकारी ली। उन्होेंने मदर प्लांट ब्लाॅक का भी निरीक्षण किया।
कृषि मंत्री श्री प्रभु लाल सैनी ने कहा कि सरकार की मंशा राज्य को उध्यानिकी के क्षेत्र में देश में प्रथम पायदान पर लाना है। इजरायल के तकनीकी सहयोग से प्रतिकूल परिस्थितियों को भी अनुकूल बनाकर ड्रेगन फ्रूट, पिस्ता, खजूर एवं नींबू वर्गीय फलों के उत्पादन में प्रदेश की पहचान बनानी है। उन्होंने कहा कि नान्ता फार्म में विकसित पौध से प्रदेश ही नहीं वरन् सम्पूर्ण देश के किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुरूप सरकार द्वारा आने वाले दो सालों में किसानों की आमदनी को दुगुना करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से उध्यानिकी के क्षेत्र में नई पौध एवं उन्नत नस्ल केे बीजों को तैयार करने का कार्य किया जा रहा है।
इजरायल के राजदूत डेनिल कारमोन ने कहा कि राजस्थान का भौगोलिक वातावरण इजरायल के समान ही है। हमने पर्यावरण की परेशानी को अनुकूल बनाकर फलोत्पादन में नये प्रयोग किये हैं। उन्होंने कहा कि वे राजस्थान से कृषि, पानी प्रबंधन एवं उध्यानिकी में मित्रता व सहयोग के लिए तैयार हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री श्रीमती राजे के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार खेती व किसान के लिए जिस लगन के साथ कार्य कर रही है, उससे राजस्थान भी उध्यानिकी के क्षेत्र में प्रथम पायदान पर पहुंचेगा। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जल संरक्षण हेतु किये जा रहे कार्यों की भी उन्होंने प्रशंसा की। उन्होंने झालावाड व धौलपुर में उत्कृष्टता फलोत्पादन केन्द्र के लिए तकनीकी सहयोग प्रदान करने का विश्वास दिलाया।
प्रमुख शासन सचिव, कृषि, श्रीमती नीलकमल दरबारी ने बताया कि नान्ता फार्म पर 50 हजार पौधे तैयार किये गये हैं, जो बरसात के मौसम में किसानों को उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि किसान काॅल सेन्टर भी स्थापित किया जाएगा, जिसका संचालन छात्रों द्वारा किया जाएगा। सांसद ओम बिडला ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर विधायक सर्वश्री भवानी सिंह राजावत, प्रहलाद गुंजल, श्रीमती चन्द्रकांता मेघवाल, विद्याशंकर नन्दवाना, संदीप शर्मा, हीरा लाल नागर, महापौर महेश विजय, जिला प्रभारी सचिव श्री आलोक, संभागीय आयुक्त श्री रघुवीर मीणा, पुलिस महानिरीक्षक कोटा रेंज श्री विशाल बंसल, आयुक्त कृषि श्री नीरज के.पवन, जिला कलक्टर डाॅ. रविकुमार सुरपुर सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
जयपुर/कोटा, 20 अप्रेल 2016