राजस्थान और सिंगापुर के संबंध काफी गहरे
रिसर्जेंट राजस्थान के अंतर्गत ‘फोकस क्षेत्र-पर्यटन’ के अंतर्गत गुरुवार को गागरोन हाॅल में कंट्री सेषन-सिंगापुर में पर्यटन विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई।
इस सत्र में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राजस्थान एवं सिंगापुर के संबंध काफी गहरे हैं। सिंगापुर की तरह राजस्थान की आर्थिक तरक्की के लिए पर्यटन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र के विकास में राजस्थान सिंगापुर की विशेषज्ञता का लाभ उठा सकता है।
श्रीमती राजे ने कहा कि सिंगापुर के साथ मिलकर प्रदेश में हाॅस्पिटेलिटी के क्षेत्र में स्किल डवलपमेन्ट का कार्य किया जा रहा है। सिंगापुर के सहयोग से आईटीआई उदयपुर को सेंटर आॅफ एक्सिलेन्स के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 24 घंटे बिजली आपूर्ति के सपने को साकार करने का प्रयास कर रही है। श्रीमती राजे ने जयपुर शहर में तारों को भूमिगत करने एवं विद्युत तंत्र के सुदृढीकरण के लिए 325 करोड़ रूपये देने की केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री का स्वागत किया।
इस सत्र में प्रदेष में ऊर्जा क्षेत्र में हुए विकास को ऐतिहासिक बताते हुए केन्द्रीय पावर, कोल एवं रिन्युएबल एनर्जी राज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि राजस्थान में उदय योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हुआ है। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे कार्यों में राजस्थान की भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा कि आने वाले दो वर्षों में राजस्थान सस्ती ऊर्जा की उपलब्धता की दिशा में भी तेजी से विकास करेगा। उन्होनें राजस्थान को नवीन ऊर्जा परियोजनाओं में अग्रणी बनाने पर भी जोर दिया।
सिंगापुर के गृह एवं विधि विभाग के मंत्री श्री के. षणमुगम ने कहा कि सिंगापुर की शहरी आवासीय योजनाओं के माॅडल को राजस्थान में भी उपयोग में लिया जा सकता है। इसके लिए सिंगापुर हर संभव सहयोग के लिए तैयार है।
सत्र में इन्टरनेषनल एन्टरप्राइजेज, सिंगापुर के डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव आॅफिसर श्री चाउ ताईक हिम ने कहा कि सिंगापुर पर्यटन क्षेत्र में राजस्थान में निवेष की विभिन्न योजनाओं पर विचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि उदयपुर में टूरिज्म एंड हाॅस्पिटेलिटी प्रषिक्षण केन्द्र स्थापित किया गया है। इस सत्र में राजस्थान हाउसिंग बोर्ड और सिंगापुर काॅरपोरेषन इन्टरप्राईजेज के मध्य राज्य के जोधपुर और उदयपुर शहर के आर्किटेक्चर, मास्टर प्लान के संबंध में सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किया गया।
जयपुर, 19 नवम्बर 2015