- वसुन्धरा राजे - https://vasundhararaje.in/hi -

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा जारी की गई राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2014 के मुख्य प्रावधान

राज्य सरकार की 2014-15 की बजट घोषणा के अनुसरण में प्रदेश में 25000 मेगावाॅट की सौर ऊर्जा क्षमता की स्थापना को मूर्तरूप प्रदान किए जाने हेतु ऊर्जा विभाग, राजस्थान-सरकार द्वारा ‘‘राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2014‘‘ जारी की गई है।

राज्य में ऊर्जा क्षेत्र में निवेषकों के लिए अनुकूल वातावरण पैदा करना, राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ कम आबादी वाले दूरस्थ क्षेत्रों, जहां वर्तमान में विद्युत आपूर्ति नहीं है, तक विद्युत आपूर्ति सुनिष्चित करना एवं राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security)  तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने जैसे लक्ष्यों को पूरा किया जाना इस नीति के महत्त्वपूर्ण उद्देष्य हैं।

राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2014 के मुख्य प्रावधान

  1. सरकारी क्षेत्र में सोलर पार्क की स्थापना के साथ-साथ निजी क्षेत्र तथा पब्लिक प्राईवेट पार्टनरषिप के तहत भी सोलर पार्क स्थापित करना।
  2. पब्लिक प्राईवेट पार्टनरषिप के तहत जोईन्ट वेंचर कम्पनियों द्वारा विकसित किये जाने वाले 500 मेगावाॅट या अधिक क्षमता के मेगा सोलर पाक्र्स में राज्य सरकार द्वारा अधिकतम 50 प्रतिषत अंषधारिता (भूमि की कीमत को सम्मिलित करते हुए) का प्रावधान।
  3. मेगा सोलर पाॅवर परियोजनाओं (500 मेगावाॅट या उससे अधिक) के लिये फास्ट ट्रेक अनुमोदन मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टेट लेवल एम्पावर्ड कमेटी द्वारा किया जावेगा। राजस्थान औद्योगिक प्रोत्साहन योजना (RIPS) के तहत उपलब्ध छूट/लाभ इन सोलर पाॅवर परियोजनाओं को भी उपलब्ध होंगे।
  4. सोलर पार्क की स्थापना के लिए विकासकर्ता द्वारा निजी भूमि खरीद कर सोलर पार्क स्थापित करने का प्रावधान। उक्त निजी भूमि के बीच या पास में अगर सरकारी जमीन हो तो उक्त सरकारी भूमि भी विकासकर्ता को नियमानुसार उपलब्ध कराने का प्रावधान।
  5. सोलर पार्क विकासकर्ताओं द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादकों को भूमि सब लीज करने के अधिकार का प्रावधान।
  6. राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना हेतु सौर ऊर्जा उत्पादकों को जिला स्तरीय समिति द्वारा निर्धारित दर पर भूमि का आवंटन का प्रावधान।
  7. राजस्थान काष्तकारी अधिनियम एवं राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम में संषोधन कर खातेदारों को अपनी कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने अथवा इस प्रयोजन हेतु इसे लीज पर देने के अधिकार प्रदान किये जा रहे हैं। साथ ही सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना हेतु भूमि का भू-रूपान्तरण करवाया जाना भी आवश्यक नहीं होगा।
  8. कृषकों द्वारा अपनी भूमि को सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना हेतु उपयोग करने अथवा इस प्रयोजन हेतु लीज पर देने के कारण अन्य कृषि उत्पादों की तरह भूमि से नियमित आय प्राप्त होगी, जिससे कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
  9. 10 मेगावाॅट क्षमता तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की अन्तिम स्वीकृति ऊर्जा सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति द्वारा।
  10. 20 मेगावाॅट से अधिक क्षमता की सौर परियोजनाओं हेतु राज्य स्तरीय समन्वयक को नामित करना।
  11. सौर ऊर्जा उत्पादकों से रजिस्ट्रेषन/प्रोसेसिंग फीस 50 हजार प्रति मेगा वाॅट निर्धारित की है जो किसी भी परियाजना के लिये अधिकतम 30 लाख रूपये होगी।
  12. राज्य व केन्द्र द्वारा जारी विभिन्न निविदा आधारित स्कीमों में भाग लेने वाली कम्पनियों को पूर्व रजिस्ट्रेषन की बाध्यता से मुक्ति। केवल सफल आवेदकों को ही रजिस्ट्रेषन कराने का प्रावधान।
  13. राज्य प्रदूषण मंडल द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्रों को हरित श्रेणी (Green Category) में रखा गया है। राज्य प्रदूषण मंडल से सोलर प्लांट ’’स्थापित करने की सहमति’’ तथा प्लांट ’’संचालित करने की सहमति’’का सरलीकरण करते हुए इसे 15 दिवस में जारी करने का प्रावधान किया गया है।
  14. पात्रता के लिए निर्धारित नैटवर्थ राषि 3 करोड़ रुपये प्रति मेगावाॅट से घटाकर 1 करोड़ रुपये प्रति मेगावाॅट।
  15. ओपन ऐक्सेस/कैप्टिव (स्वयं) उपयोग हेतु स्थापित सौर परियोजनाओं को भी CERC Regulation की शर्तों के अनुसार रिन्यूवल एनर्जी सर्टिफिकेट (REC) देने का प्रावधान।
  16. परियोजना की अमानत राषि 25 लाख रुपये से घटाकर 10 लाख रुपये प्रति मेगावाॅट।
  17. राजस्थान अक्षय ऊर्जा विकास कोष में सहभागिता हेतु ली जाने वाली एकमुश्त राशि दस लाख रूपये प्रति मेगावाॅट को परिवर्तित कर एक लाख रु. प्रति मेगावाॅट प्रति वर्ष की दर से परियोजना की पूर्ण अवधि तक जमा कराने का प्रावधान।
  18. सौर ऊर्जा आधारित Roof Top  संयंत्रों से विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु Net Metering  योजना प्रस्तावित।
  19. अब तक प्रदेश में लगभग 15,000 सोलर वाॅटर पम्पस स्थापित किए गए हैं। सिंचाई हेतु सोलर वाॅटर पम्प योजना को प्रोत्साहित करने के उद्देष्य से 2014-15 के बजट में रूपये 119 करोड़ का प्रावधान राज्य मद से किया गया है।
  20. दूरदराज के गांवों/ढाणियों में बिजली उपलब्ध कराने के लिए Solar Grid, Stand alone Solar System  एवं Smart Grid System  प्रणाली द्वारा विद्युत आपूर्ति को प्रोत्साहन प्रदान किये जाने हेतु 100 करोड़ रूपये का प्रावधान राज्य बजट 2014-15 में किया गया है।