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कौशल विकास और आजीविका के अवसर बढ़ाने का माध्यम बने मनरेगा

CM Vasundhara Raje said MGNREGA scheme to enhance opportunities of poor families

राज्य रोजगार गारन्टी परिषद की बैठक

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी (मनरेगा) योजना के माध्यम से गरीब परिवारों की आजीविका के अवसर बढ़ाने के लिए इसे कौशल विकास से जोड़ना महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने इसके तहत 100 दिन का रोजगार पूरा करने वाले परिवारों को कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित करने पर जोर दिया।

श्रीमती राजे मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य रोजगार गारन्टी परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने बीते दो वर्षों में महात्मा गांधी मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को समय पर भुगतान 15 प्रतिशत से बढ़कर 82 प्रतिशत होने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को उनके बैंक खातों में सीधे भुगतान का प्रतिशत भी 18 से बढ़कर 93 प्रतिशत होने से योजना में छीजत की सम्भावना नग्णय हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत आवश्यक श्रम दिवस की संख्या राजस्थान में सबसे अधिक है। देश के कुल श्रम दिवसों का 10 प्रतिशत यहां सृजित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता इस योजना का महत्त्वपूर्ण अंग है, जिसके लिए हमें विशेष प्रयास करने होंगे। साथ ही, मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों की सफलताओं को विभिन्न माध्यमों के जरिये प्रचारित किया जाए, ताकि अन्य लोगों तथा पंचायतों को प्रोत्साहन मिल सके।

श्रीमती राजे ने कहा कि इस योजना में अब व्यक्तिगत लाभार्थियों, वृक्षारोपण, उद्यानिकी तथा मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्याें पर फोकस होना चाहिए। उन्होंने बताया कि जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों को मनरेगा के साथ जोड़ना एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसकी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी सराहना की है।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के साथ मनरेगा के कन्वर्जेंस पर जोर देते हुए कहा कि इसमें ग्रामीण गौरव पथ तथा मिसिंग लिंक के लिए सीमेन्ट कंक्रीट सड़कें भी बनाई जा सकती हैं। साथ ही, जल संसाधन विभाग पानी के लिए खाले एवं नालियां बनवा सकता है तथा वन विभाग भी अपनी विभिन्न योजनाआंे को मनरेगा कार्यों के साथ जोड़ सकता है।

श्रीमती राजे ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राज्य रोजगार गारन्टी परिषद की बैठक 6 महीने के अंतराल पर आवश्यक रूप से आयोजित होे। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव इस विषय में सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देशित करें।

बैठक में आयुक्त रोजगार गारन्टी तथा सचिव आपदा प्रबन्धन श्री रोहित कुमार ने मनरेगा के कार्यों की क्रियान्विति और प्रगति के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया, कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी, जल संसाधन मंत्री डाॅ. रामप्रताप वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री राजकुमार रिणवा, श्रम राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पाल सिंह, विधि राज्य मंत्री श्री अर्जुन लाल गर्ग, विधायक श्री विद्याशंकर नंदवाना, मुख्य सचिव श्री ओपी मीणा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण श्री निहाल चंद गोयल, प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास श्री सुदर्शन सेठी, प्रमुख शासन सचिव विधि श्री मनोज कुमार व्यास, प्रमुख शासन सचिव कृषि श्रीमती नीलकमल दरबारी, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री प्रेम सिंह मेहरा, आयुक्त कौशल विकास श्री कृष्ण कुणाल, जिला प्रमुख जोधपुर श्री पुनाराम चैधरी, जिला प्रमुख बारां श्री नंदलाल सुमन, रायपुर पंचायत समिति जिला पाली की प्रधान श्रीमती शोभा और पीड़ावा पंचायत समिति झालावाड़ के प्रधान श्री कन्हैया लाल पाटीदार सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 5 जुलाई 2016