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डूंगरपुर जिले में युद्ध स्तर पर हो रहे हैं द्वितीय चरण के कार्य – दस ब्लॉक की 84 ग्राम पंचायतों के 184 गांवों में हो रहे हैं जल संरक्षण के प्रयास

Vasundhara raje-Mukhyamantri Jal swavlamban Abhiyan

डूंगरपुर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान द्वितीय चरण के अन्तर्गत स्वीकृत कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। अभियान के प्रथम चरण में मिली सफलता के बाद सदैव ही पानी की कमी से जूझते इस क्षेत्र के लोगों को इस अभियान ने जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया है।

पहाड़ी बसावट के कारण डूंगरपुर जिले के निवासियों के लिए पानी की कमी हमेशा से ही भयावह समस्या रही है। ऎसे में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की पानी को बचाने की दूरदर्शी सोच से शुरू हुए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने डूंगरपुर जिले के निवासियों में जल संरक्षण के प्रति एक जागरूकता पैदा कर दी है। प्रथम चरण की सफलता के बाद आमजन स्वस्फूर्त जल की उपयोगिता और भविष्य की जल त्रासदी को समझते हुए ‘गांव का पानी गांव में’ और ‘खेत का पानी खेत में’ रोकने के लिए तत्पर दिख रहा है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में हो रहे कार्यों में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाएं, मीडियाकर्मी, आमजन, गांववासियों तथा अभियान से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग दे रहा है।

छः हजार 481 कार्य हुए पूर्ण

डूंगरपुर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण में 10 ब्लॉक के 84 ग्राम पंचायतों के 184 गांवों में कुल 9 हजार 421 कार्य स्वीकृत किए गए हैं जिसमें से 8 हजार 233 कार्य शुरू करते हुए 6 हजार 481 कार्य युद्ध स्तर पर पूर्ण कर लिए गए हैं। इसी प्रकार अभियान के द्वितीय चरण में सम्मिलित निकाय क्षेत्रों में डूंगरपुर शहरी क्षेत्र में स्वीकृत 38 में से 28 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं तथा शेष प्रगतिरत हैं। जिला प्रशासन द्वारा शेष रहे कार्यों को पूर्ण करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

लक्ष्य प्राप्ति के लिए हो रही है प्रभावी मॉनिटरिंग

जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित तिथि तक पूर्ण लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए जिला कलक्टर श्री राजेन्द्र भट्ट द्वारा स्वयं मॉनिटरिंग करते हुए अधिकारियों को प्रत्येक साइट की डे-बाय-डे डेली रिपोर्ट प्रस्तुत करने, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रत्येक दिवस की कार्य प्रगति की फोटो भेजने, अधिकारियों को प्रतिदिन फील्ड पर जाकर कार्य देखने तथा सायं को रिपोर्ट प्रस्तुत करने, प्रत्येक जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा पांच एमजेएसए साइटो का निरीक्षण कर गुणवत्ता की रिपोर्ट प्रस्तुत करने, तकनीकी समस्या आने पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तत्काल समाधान करने जैसे कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं।

जन अभियान बनाने के लिए ये हुए प्रयास

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान द्वितीय चरण को जन आंदोलन बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अनेकानेक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत जल सरंक्षण सप्ताह मनाने, जागरूकता रैलियां, जागरूकता रथ, चित्रकला प्रतियोगिता, कैप वितरण के साथ सबसे महत्वपूर्ण साप्ताहिक श्रमदान कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक गुरूवार को हर ब्लॉक में श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें जिला प्रशासन, जनप्रतिधिगण, गणमान्य नागरिक, मीडियाकर्मी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामवासी पूर्ण जोश के साथ सम्मिलित हो रहे हैं।

इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा जल प्रत्येक व्यक्ति की अतिआवश्यक है, यह बताते हुए स्वेच्छा से तन-मन-धन से सहयोग का आह्वान किया गया है जिसके लिए बैठकों एवं कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया है और इसका व्यापक प्रभाव भी दिखाई दे रहा है लोग अपनी स्वेच्छा से यथासंभव सहयोग प्रदान करने के लिए आगे आकर सहभागिता निभा रहे हैं।

जिला प्रशासन द्वारा नवाचार करते हुए विशेष बैठक का आयोजन कर सहकारी समितियों को भी जोड़ा गया है। जगह-जगह जल संरक्षण के लिए लगाए गए दानपात्रों में आमजन अपनी क्षमता और इच्छानुरूप सहयोग राशि डाल रहे हैं। रागेला में आयोजित जल संरक्षण कार्यक्रम के दौरान पहल करते हुए जिला प्रभारी मंत्री, राज्यमंत्री, राज्यसभा एवं लोकसभा सांसद, जिला प्रमुख, जिला कलक्टर, प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन, विभागीय कार्मिकों तथा अन्य जनप्रतिनिधिगणों द्वारा भी दानपात्र में सहयोग राशि डाली गई।

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