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जल तरंगों की जुगलबन्दी दर्शा रही एमपीटी की जोड़ी नीलोद में कैद हो रहा गांव का पानी गांव में

Vasundhara raje-Mukhyamantri Jal swavlamban Abhiyan

बारिश के इस मौसम मेंं गांव-गांव में बनाई गई जल संरचनाओं में भरा पानी हवाओं के साथ तरंगायित होकर लहरें उठा रहा है, कहीं धीरे तो कहीं तेज गति से इधर-उधर परिक्रमा करता दिखाई देता है वहीं जमीन के भीतर पैठ कर भूमिगत जल भण्डारों को सरस एवं समृद्ध भी बना रहा है। यह बात है राजस्थान के उदयपुर जिले की, जहाँ मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने गांवों को पानी के मामले में स्वावलम्बी बनाने की शुरूआत कर डाली है। अब तक इस अभियान के अच्छे परिणाम सामने आए हैं जिससे प्रशासन और आम अवाम सब उत्साह के अतिरेक में भरकर इस अभियान और इसका सूत्रपात करने वाली प्रदेश के दूरदर्शी विकास की प्रतीक मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे का जयगान कर रहे हैं। ग्रामीण अब खुले दिल से सरकार की तारीफ करते हुए स्वीकारने लगे हैं कि वाकई इस अभियान से ग्राम्य विकास की नींव हर दृष्टि से मजबूत हुई है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सुनहरा युग दृष्टिगोचर होने लगेगा।

उदयपुर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के पहले चरण में चिह्नित सभी गांवों में यह अभियान बेहतर उपलब्धि की शुरूआत करने वाला रहा है। जन प्रतिनिधियों, सहयोगी भामाशाहों, जल मित्रों, अधिकारियों एवं कार्मिकों से लेकर आम ग्रामीणों तक में इस बात की खुशी है कि जो मेहनत पिछले पाँच-छह माह में की है उसका मीठा फल सामने आने लगा है। इस अभियान ने गांवों की तस्वीर ही बदल दी है, अब ग्रामीणों की तकदीर सँवरने में भी देर नहीं लगने वाली। उदयपुर जिले में हर तरफ जल संरचनाओं की उपयोगिता स्वयंसिद्ध होती जा रही है। इन्हीं में है एक गांव नीलोद। यह मावली पंचायत समिति की चंगेड़ी ग्राम पंचायत में आता है। नीलोद क्षेत्र में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत 77-77 हजार की लागत से पास-पास ही निर्मित दो एमपीटी क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए राज का वरदान सिद्ध हुई है। दोनों में पहली बारिश में ही खूब पानी भर आया व व्यापक पैमाने पर पानी जमीन में भी जा रहा है। मावली क्षेत्र में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का अच्छा असर सामने आया है। कुल 1.200 किलोमीटर सीसीटी बनी हुई है। मेड़बन्दी और छोटी-छोटी जल खाइयों का काम भी बड़े पैमाने पर किया गया है और इनमें पानी भरने तथा जमीन में रिसने भी लगा है। क्षेत्र में सभी जल संरचनाओं की साईट्स पर बीजारोपण के साथ ही घास, कलम, पेड़-पौधे आदि लगाने का काम भी किया गया है। ग्रामीण इन जल संरक्षण कार्यों को अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी और सर्वाधिक सुकूनदायी उपलब्धि बताते हैं और कहते हैं कि वाकई सरकार ने बड़ा ही जबरदस्त काम किया है। इन कामों की सफलता पर ग्रामीणों का हर्ष और मुखर अभिव्यक्ति देखने लायक है। ग्राम्यांचलों में बनी ये जल संरचनाएं ग्रामीणों में खासा आकर्षण भी जगा रही हैं।

जयपुर, 18 जुलाई 2016

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