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महिलाएं आधी रात को बेखौफ घूम सकें, बनाएं ऐसा राजस्थान

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कलक्टर-एसपी काॅन्फ्रेंस का तीसरा दिन

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक टीम भावना से काम करते हुए राजस्थान को अमन-चैन की मिसाल के रूप में स्थापित करें। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में अन्य प्रदेशों के मुकाबले शांति व्यवस्था बेहतर है, फिर भी इसमें और सुधार की आवश्यकता है। हमें एक ऐसे राजस्थान का निर्माण करना है जहां महिलाएं आधी रात को भी बिना किसी भय के निश्चिंत होकर बाहर निकल सकें। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया तथा वाॅट्सएप के माध्यम से अफवाहों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वे जिलों में इन अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए सोशल प्लेटफाॅर्म का सकारात्मक उपयोग करें।

सर्वाधिक अपराध मुक्त गांव वाला जिला होगा सम्मानित

मुख्यमंत्री ने कलक्टर एसपी काॅंन्फ्रेंस में घोषणा की कि प्रदेश के सर्वाधिक अपराध मुक्त गांव वाले जिले को राजस्थान दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। श्रीमती राजे ने पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे अपने-अपने जिले में अपराध मुक्त गांवों की संख्या बढ़ाएंगे जिससे वे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना से काम कर सकेंगे। हमारा प्रयास है कि गांवों में शांति और सद्भाव का माहौल बनें जिससे ग्रामीण विकास के नए आयाम स्थापित हो सकें।

व्यवहार में दृढ़ता के साथ विनम्रता का भी समावेश

श्रीमती राजे कलक्टर-एसपी काॅफ्रेंस के तीसरे दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के काॅफ्रेंस हाॅल में जिला कलक्टर्स, जिला पुलिस अधीक्षकों के साथ वरिष्ठ अधिकारियों के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जिस तरह कलक्टर जिले में प्रशासन का चेहरा है उसी तरह एसपी जिले में कानून व्यवस्था का चेहरा है। पुलिस को प्रोफेशनल तरीके से काम करते हुए अपने व्यवहार में दृढ़ता के साथ विनम्रता का भी समावेश करना चाहिए। पुलिस नागरिकों के साथ मानवीयता, धैर्य के साथ पेश आए और उनके अधिकारों के प्रति संवेदनशील रहे।

उन्होंने कहा कि पुलिस को यह सदैव ध्यान रखना होगा कि सामाजिक और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की घटनाओं का असर प्रदेश के विकास पर पड़ता है। उन्होेंने कहा कि छोटी घटनाओं को समय रहते ही सुलझा लिया जाए तो उन्हें बड़ा रूप लेने से रोका जा सकता है।

जनप्रतिनिधियों के प्रति शिष्ट व्यवहार के निर्देश

मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के प्रति अधिक विनम्र और शिष्ट व्यवहार करने के निर्देश देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि आमजन के प्रति सीधे जवाबदेह हैं, उनके साथ पुलिस का मैत्रीपूर्ण व्यवहार बेहतर पुलिसिंग में मदद कर सकता है। उन्होंने पुलिस के काम को सेवा बताते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी दौरे और रात्रि विश्राम को प्राथमिकता दे इससे उन्हें वास्तविकता तक पहुंचने में और अपने तंत्र को चुस्त-दुरस्त बनाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तरीय सतर्कता समितियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति उत्पीड़न के प्रकरणों से सम्बन्धित समिति, पुलिस-अभियोजन बैठकों, आपराधिक मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए जिला न्यायाधीश के स्तर पर होने वाली बैठकों में पुलिस अधीक्षक नियमित रूप से भाग लें। इसका प्रभाव अपराधों की रोकथाम पर पड़ेगा।

श्रीमती राजे ने कहा कि अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सतत चैकसी, सोशल मीडिया के उपयोग, नियमित गश्त, त्वरित एवं प्रभावी तफ्तीश पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि कई बार भूमि विवाद बड़ा रूप ले लेते हैं ऐसे में इन्हें स्थानीय स्तर पर ही प्राथमिकता से निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस संवेदनशील क्षेत्रों की मैपिंग, सीसीटीवी, वीडियो कैमरों के उपयोग के साथ आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारी विभिन्न समुदायों के आने वाले त्यौहारों और मेलों के अनुरूप पहले से ही तैयारी करें जिससे कि इनका आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से हो सके। उन्होंने कहा कि पुलिस अपने सफल कार्यों को भी जनता तक पहुंचाए। उन्होंने भरतपुर जिले के कामां में साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए आयोजित सद्भावना दंगल का जिक्र करते हुए कहा कि इसके सफल आयोजन से दो समुदायों के बीच सद्भाव कायम रखने में मदद मिली। पुलिस की ऐसी कार्यप्रणाली को आमजन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के पास आने वाले हर फरियादी की सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि एफआईआर दर्ज कराने के लिए लोगों को थानों के चक्कर नहीं काटने पड़ें।

तीन हजार गांव अपराध मुक्त

इससे पहले गृह मंत्री श्री गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि प्रदेश में करीब 3 हजार से अधिक गांव अपराध मुक्त हो चुके हैं। पुलिस की चैकस नाकाबंदी से एटीएम चोरी, राष्ट्रीय राजमार्गोें पर लूटपाट जैसी घटनाओं पर अंकुश लगा है। पुलिस में कार्य मूल्यांकन प्रणाली लागू होने से जिला, वृत्त एवं थाना स्तर पर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न हुई है।

अपराधों में कमी आई

इससे पहले गृहमंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि वर्ष-2015 में बीते वर्षाें की तुलना में अपराधों में कमी आई है। महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति पर होने वाले अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है। मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में भी अपराधों में कमी आई हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में एसपी को प्रतिदिन जन सुनवाई के निर्देश दिए गए हैं जिसके की अच्छे परिणाम आ रहे है।

इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, संसदीय सचिव, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, विभिन्न विभागों तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 6 मई 2016

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