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विकास के पथ पर महिलाएं पुरूषों की प्रतिद्वन्द्वी नहीं बल्कि पूरक

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ब्रिक्स महिला सांसद मंच की बैठक का समापन समारोह

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि महिलाओं में काफी क्षमताएं हैं जिन्हें पहचानने की जरूरत है। विकास के पथ पर महिलाएं पुरूषों की प्रतिद्वन्द्वी नहीं बल्कि उनकी पूरक हैं। दोनों मिलकर साथ चलें तो कई बदलाव लाए जा सकते हैं।

श्रीमती राजे रविवार को ब्रिक्स महिला सांसद मंच की बैठक [1] के समापन समारोह में संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं पर्यटन एवं महिला व बाल विकास जैसे क्षेत्रों तक सीमित नहीं है बल्कि वे वित्त जैसे चुनौतीपूर्ण कार्य भी बखूबी अंजाम दे रही हैं। राजस्थान जैसे प्रदेश में स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होने के बाद महिलाएं घूंघट से बाहर आई हैं और उन्होंने नीति-निर्माण की प्रक्रिया में भी सक्रिय भूमिका निभाना शुरू कर दिया हैं।

उन्होंने कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं में उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता लागू करने की हमारी पहल के बाद युवाओं और महिलाओं का प्रतिनिधित्व इसमें बढ़ा है। आज शिक्षित जनप्रतिनिधि नीचे के स्तर तक सरकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी देशों में महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हैं लेकिन राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसने महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने की पहल की और 2007 में भामाशाह योजना [2] लागू की। इसमें परिवार की मुखिया महिला को मानकर भामाशाह कार्ड [3] बनाया जाता है, जिसके माध्यम से अब बिना किसी छीजत या भ्रष्टाचार के विभिन्न योजनाओं का पैसा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे उनके बैंक खातों में जाता है।

उन्होंने कहा कि बालिकाओं के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर हमनें राजश्री योजना सहित कई योजनाएं शुरू की हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों को भी बैंकों के माध्यम से वित्तीय मदद देकर उन्हें आगे बढ़ाया जा रहा है।

श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान को डेजर्ट स्टेट कहा जाता है। यहां पानी की समस्या सबसे ज्यादा है। इसी को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने ’मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ चलाया जो कि एक जन आंदोलन बन गया है और इसमें सभी वर्गों का सहयोग मिल रहा है। अभियान में अब तक करीब 4 हजार गांवों में जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है। जिनमें इस मानसून में पानी आने के बाद लोगों के चेहरे खिल गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स देशों में दुनिया की 43 प्रतिशत आबादी रहती है। इन देशों के समक्ष विकास की चुनौतियां और यहां के निवासियों की आशाएं एवं आकांक्षाएं एक जैसी हैं। इन देशों में गरीबी को दूर करने के लिए संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है। हमें अपने नागरिकों के सुखद भविष्य के लिए साथ मिलकर काम करने, एक दूसरे से सीखने के साथ-साथ अपने अनुभव साझा करने होंगेे। ब्रिक्स के सदस्य देश साथ मिलकर काम करेंगे तो दुनिया में हालात बदले जा सकते हैं।

श्रीमती राजे ने उम्मीद जताई कि ब्रिक्स महिला सांसद मंच की यह दो दिवसीय बैठक दूरियों को पाटने के साथ सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अहम होगी। उन्होंने कहा कि बैठक में आज पारित हुए जयपुर घोषणा पत्र में सतत् विकास लक्ष्यों के प्रति जो संकल्प लिए गए हैं, उन्हें पूरा करने की दिशा में सभी सदस्य देश मिलकर प्रयास करेंगे। उन्होंने जयपुर को इस बैठक की मेजबानी का मौका देने के लिए लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन का आभार व्यक्त किया।

समापन समारोह में दक्षिणी अफ्रीका की राष्ट्रीय प्रांतीय परिषद की अध्यक्ष टी.आर मोदिसे, रूस की काउंसिल आॅफ फैडरेशन की उपाध्यक्ष गलिना कारालोवा, ब्राजील के प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख प्रो. डोरिना सेब्रा रेजेन्दे, चीन के प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्ष मिस वेन मा, लोकसभा महासचिव श्री अनूप मिश्रा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, पर्यटन राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर दीपा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल सहित ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधिगण एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।

जयपुर, 21 अगस्त 2016