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परिवार में आये गिले शिकवे किये दूर एवं आपसी सौहाद्र्र हुआ बहाल

राजस्व लोक अदालत ’’न्याय आपके द्वार’’ शिविरों में जहां ग्रामीणों के वर्षों पुराने लम्बित मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया जा रहा है वहीं राजस्व संबंधी प्रकरणों के चलते परिवार में आये गिले शिकवे भी दूर हुए हैं। ऎसा ही एक प्रकरण भरतपुर की ग्राम पंचायत चुल्हेरा में आयोजित राजस्व लोक अदालत शिविर में आया जिसमें राजस्व संबंधी प्रकरण के निस्तारण के बाद एक ही परिवार को एकजुट कर बिखरने से बचाया गया।

न्याय आपके द्वार शिविर में महेन्द्रसिंह बनाम देवीसिंह के मामले को सुनवाई के लिए रखा गया। इस प्रकरण में एक परिवार की पैतृक सम्पत्ति जो कई पीढ़ियों से सहकाश्तकारी के रूप में की जा रही थी। वर्तमान में वादी महेन्द्र एवं प्रतिवादी देवी सिंह वगै. काश्त कर रहे थे जिसमें एक भाई के महेन्द्र सिंह एवं दूसरे भाई के तीन पुत्र देवीसिंह वगै. थे। देवीसिंह का पुत्र प्रबल एवं ज्यादा ताकतवर था और वह महेन्द्र सिंह के हक को लठ्ठ एवं ताकत के बल पर हड़पना चाहते थे। इसके अतिरिक्त दोनों पक्षों का मालिकाना हक डीग कस्बे में आवासीय भूखण्ड भी था जिस पर देवीसिंह पक्ष ने अपने हिस्से में मकान निर्माण कर लिया था लेकिन जब महेन्द्रसिंह अपने हिस्से में मकान का निर्माण करने लगा तो देवीसिंह पक्ष ने रोकने की कोशिश की जिस पर दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष हुआ और आपस में गोली, फरसा और वल्लम भी चले तथा फौजदारी मुकदमा सिविल न्यायालय डीग में विचाराधीन है और दोनों पक्ष एक दूसरे को धमकी देने लगे और खून के प्यासे हो गये।

मामले की गंभीरता को देखते हुये पीठासीन अधिकारी के निर्देशानुसार राजस्व टीम ने लगातार दोनों पक्षों से व्यापक समझाईश की। दोनों पक्षों को परिवार के महत्व और आपसी झगडे़ से परिवार पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी गयी। जिस पर दोनों पक्षों में प्राथमिक रजामंदी देखने में आयी जिस पर राजस्व टीम द्वारा दोनों पक्षों को उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में बुलाकर उन्हें अलग-अलग समझाईश की गयी। अन्त में दोनों पक्षों ने पूर्व में हुए वाकिये को भुलाकर नये सिरे से पारिवारिक जीवन जीने की कसम खाई तथा पूर्व के सिविल फौजदारी मुकदमे को भी आपसी रजामंदी से वापिस ले लिया जिससे पारिवारिक कलेश एवं आपसी रंजिश समाप्त हुई और दोनों परिवार पूर्व की भांति मिलजुलकर रहने को राजी हुए जिस पर पीठासीन अधिकारी दुलीचंद मीणा ने दोनों पक्षों को हाथ एवं गले मिलाकर, माला पहनाकर मन मुटाव दूर करने एवं भविष्य में न लड़ने की नसीयत दी।

परिवाद निस्तारण से बहाल हुई खोई हुई मित्रता

पंचायत समिति डीग की ग्राम पंचायत चुल्हेरा के ग्राम भयाडी निवासी जुहरी एवं महमूदा के परिवार आपस में पड़ौसी होने के साथ-साथ काफी मेलजोल एवं भाइचारे के साथ रहते थे। इसी लगाव के चलते जुहरी ने अपनी कुछ आवासीय जमीन महमूदा को विक्रय कर दी लेकिन आपसी विश्वास एवं सौहार्द के रहते उन्होंने भूमि की रजिस्ट्री न कराकर मौके का कब्जा दे दिया जिस पर समय रहते महमूदा ने मकान का निर्माण भी कर लिया।

समय व्यतीत होने के पश्चात दोनों परिवारों के बीच छोटी-छोटी बातोें को लेकर दूरियां बढ़ने लगीं एवं मनमुटाव रहने लगा जो छोटे-छोटे झगडों में परिवर्तित हो गया और रंजिश का रूप ले लिया जिससे दोनों परिवार एक-दूसरे के दुश्मन बन गये। इस दौरान जुहरी के मन में बेइमानी आ गयी क्योंकि उसको मालूम था कि महमूदा को बेची गयी जमीन की रजिस्ट्री नहीं करायी गयी केवल कब्जा दिया गया है। राजस्व रिकार्ड में वह भूमि अब भी उसके नाम है। इस मौके का फायदा उठाते हुए जुहरी ने महमूदा के विरुद्ध उपखण्ड न्यायालय में वाद सं. 225/15 दायर किया गया। जिसके चलते दोनों परिवारों द्वारा ग्राम भयाडी में स्थानीय लोगों की कई बार पंचायतें भी हुई लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया।

राजस्व लोक अदालत ‘‘न्याय आपके द्वार 2017‘‘ अभियान का शिविर ग्राम पंचायत चुल्हेरा के अटल सेवा केन्द्र पर आयोजित किया गया। जिसमें उक्त परिवाद सामने आया और दोनों पक्षों की प्रथम दृष्टा में सुनवाई की गयी तथा पीठासीन अधिकारी एवं राजस्व टीम ने दोनों पक्षों से अलग-अलग समझाईश की। उन्होंने राजस्व लोक अदालत के माध्यम से मामले के निस्तारण की सलाह दी एवं राजस्व लोक अदालत शिविर में होने वाले फैसलों के लाभों के बारे में जानकारी दी जिस पर दोनों पक्षों ने सहमति जाहिर की। जिस पर पीठाासीन अधिकारी, शिविर प्रभारी एवं उपखण्ड अधिकारी दुलीचंद मीणा ने दोनों पक्षों का राजीनामा कराते हुए आपसी सौहाद्र्र, भाइचारे एवं ईमानदारी से रहने को कहा। जिस पर दोनों परिवारों के मुखिया आपस में गले मिले और मिठाई खिलाई। एक बार फिर से दोनों परिवारों की खोई हुई मित्रता वापिस बहाल हुई और सामाजिक सामंजस्य भी बन गया।

भरतपुर जिले में राजस्व लोक अदालत अभियान की शानदार सफलता

362 शिविरों में 45 हजार 198 राजस्व परिवादों का हुआ निस्तारण

राजस्व लोक अदालत अभियान के अन्तर्गत न्याय आपके द्वार’’ शिविरों का शुभारम्भ जिले में विगत 9 मई से किया गया था, जिसमें वर्षों से लम्बित राजस्व प्रकरणों को शीघ्र ही निस्तारण किया जा रहा है जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को त्वरित न्याय कर राहत पहुंचायी जा रही है। राजस्व लोक अदालत अभियान ’’न्याय आपके द्वार 2017’’ के तहत जिले में अभी तक 362 शिविरों का आयोजन कर 45 हजार 198 राजस्व परिवादों का निस्तारण कर आमजन को राहत पहुंचायी गयी है।

उपखण्ड स्तर पर 14 हजार 765 परिवादों का हुआ निस्तारण

जिला कलक्टर डॉ. एन के गुप्ता ने बताया कि जिले में विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष में 8 मई से आयोजित किये जा रहे राजस्व लोक अदालत अभियान ’’न्याय आपके द्वार’’ के तहत 30 जून तक 45 हजार 198 प्रकरणों का निस्तारण कर ग्रामीणों को राहत पहुंचाई है। उन्होंने बताया कि इन राजस्व शिविरों में 14 हजार 765 राजस्व प्रकरणों का निस्तारण किया गया जिनमें से धारा 136 खाता दुरूस्ती के 218, विभाजन धारा 53 के 249, खातेदारी घोषणा धारा 88 के 248, स्थाई निषेधाज्ञा धारा 188 के 323, नामान्तरकरण अपील के 20, इजराय के 251, रास्ता 251 के 8, पत्थरगढ़ी के 76 एवं धारा 86 के 13 हजार 272 के राजस्व प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

तहसील स्तर पर 30 हजार 433 परिवादों का हुआ निस्तारण

जिला कलक्टर डॉ. एन के गुप्ता ने बताया कि तहसील स्तर पर .30 हजार 433 राजस्व प्रकरणों का निस्तारण किया गया जिनमें से नामान्तकरण 135 के 7 हजार 289, खाता दुरूस्ती के 804, धारा 183 के 1, खाता विभाजन धारा 53 केे 540, नये राजस्व ग्राम के प्रस्ताव के 2, सीमाज्ञान करना के 248, गैर खातेदारी से खातेदारी के 197, धारा 251 के 10, राजस्व नकलें 8 हजार 971 एवं अन्य के 12 हजार 364 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

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