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सीएम के प्रयासों से ढाई माह बाद सऊदी अरब से मंगलाराम का शव आखिरकार घर पहुंचा

मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता

पिछले ढाई माह से अपने बेटे के शव का इंतजार कर रहे मंगलाराम के बुजुर्ग मां-बाप की आंखें पथरा गई थीं और उन्होंने अपने बेटे के आखिरी दर्शन की उम्मीद भी छोड़ दी थी। ऐसे में आशा की एक किरण दिखी जब मंगलाराम के चचेरे भाई ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे तक अपनी पीड़ा पहुंचाई। परिवार वालों की पीड़ा सुनते ही सीएम राजे ने अपनी संवेदनशीलता परिचय दिया और तुरंत मदद के लिए हाथ बढ़ाए। उन्होंने सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास में मौजूद अधिकारियों से बात कर मंगलाराम के शव को उनके घर पहुंचाने में पूरी मदद करने को कहा।

श्रीमती राजे ने सीएमओ, श्रम विभाग एवं दिल्ली में मौजूद राज्य सरकार के अधिकारियों को विदेश मंत्रालय एवं सऊदी अरब स्थित दूतावास के उच्च अधिकारियों से संपर्क साधने के निर्देश दिए। सीएम की संवेदनशीलता के कारण ही आखिरकार बुधवार को मंगलाराम का शव सऊदी अरब से जयपुर एयरपोर्ट पहुंचा और इसके बाद परिजन चूरू के ददेरवा स्थित उसके घर लेकर पहुंचे। शव जब घर पहुंचा तो बेटे के आखिरी दर्शन की उम्मीद छोड़ चुके 80 वर्षीय बुजुर्ग श्री धन्नाराम मेघवाल की आंखें भर आईं।

27 अगस्त, 2017 को मंगलाराम का सऊदी अरब में एक दुर्घटना में निधन हो गया था। परिवार वाले उसका शव लाने के प्रयास कर थक-हार चुके थे। विदेश मंत्रालय से लेकर सऊदी अरब स्थित दूतावास को फैक्स के माध्यम से कई बार गुहार लगाई गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। आखिरकार एक नवम्बर को मंगलाराम के चचेरे भाई शीशराम ने मुख्यमंत्री तक अपनी पीड़ा बताई। मुख्यमंत्री कार्यालय ने तुरंत ही मदद की प्रक्रिया शुरू कर दी और दूसरे दिन जरूरी दस्तावेज मंगवाने के साथ ही शव को सऊदी अरब से लाने की कोशिशें शुरू हो गईं।

मुख्यमंत्री ने भी इस प्रकरण में पूरी संवेदनशीलता दिखाई और अधिकारियों से शव को भारत लाने में पूरी मदद करने को कहा। सीएम के हस्तक्षेप के बाद विदेश मंत्रालय एवं सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने शव को भारत लाने में मदद की।

बुधवार अपराह्न मंगलाराम का शव जयपुर एयरपोर्ट पहुंच गया जहां से परिजन शव लेकर चूरू के लिए रवाना हो गए। एयरपोर्ट पर ही मंगलाराम के चचेरे भाई श्री शीशराम मुख्यमंत्री श्रीमती राजे की संवेदनशीलता की तारीफ करते नहीं थक रहे थे जिनके प्रयासों से ढाई महीने से सऊदी अरब में रखा मंगलाराम का शव यहां पहुंच सका।

श्री शीशराम ने बताया कि मुख्यमंत्री से गुहार लगाने से पहले वे उम्मीद छोड़ चुके थे कि उनके भाई के आखिरी दर्शन भी हो पाएंगे लेकिन आज वे मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते नहीं थक रहे थे। उनकी जुबां पर एक ही बात थी कि हमारी सीएम की संवेदनशीलता से ही बूढ़े मां-बाप को बेटे के शव के आखिरी दर्शन नसीब हो पाए और मंगलाराम की पत्नी और चार बेटियां उनके आखिरी दर्शन कर पाए।

जयपुर, 8 नवम्बर 2017