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रिसर्जेन्ट राजस्थान राज्य को विकास के षिखर पर ले जाने का आंदोलन

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि रिसर्जेन्ट राजस्थान पार्टनरषिप समिट कोई ब्रांड या स्लोगन नहीं बल्कि राजस्थान को विकास के षिखर पर ले जाने के लिए एक आंदोलन है। उन्होंने उद्योग जगत का आह्वान किया कि विकास की इस यात्रा में वे भागीदार बनें।

श्रीमती राजे गुरूवार को सीतापुरा स्थित जयपुर एक्जीबिषन एण्ड कन्वेंषन सेन्टर में रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट-2015 के उद्घाटन समारोह में देश-विदेश के निवेशकों और उद्योगपतियों को संबोधित कर रही थीं।

प्रदेश बनेगा नवाचारों की राजधानी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान हमेशा से उद्यमिता में देश का सिरमौर रहा है और अब यह भारत की स्टार्ट-अप और नवाचारों की राजधानी बनेगा। हमने इसके लिये निवेश और विकास का बेहतरीन माहौल तैयार कर लिया है। रिसर्जेंट राजस्थान सम्मेलन के उद्घाटन के दिन तक प्रदेष में निवेष के लिए करीब 3.30 लाख करोड़ रूपये के एमओयू हो चुके है जिनसे करीब 2.50 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों का आहवान किया कि वे पर्यटन और निवेश के क्षेत्र में राजस्थान के विकास में सहभागी बनें। उन्होंने निवेशकों को राजस्थान के सपनों को पूरा करने और इसकी खुशहाली में भागीदार बनने के लिये आमंत्रित किया।

विकास का राजस्थान माॅडल बनेगा मिसाल

श्रीमती राजे ने कहा कि विकास का राजस्थान माॅडल जिन तीन स्तम्भों पर आधारित है, वे हैं – सामाजिक न्याय, सुशासन और रोजगार के अवसर। इनके आधार पर राजस्थान आर्थिक विकास के रास्ते पर ग्लोबल पार्टनरशिप भी करना चाहता है। सिंगापुर के साथ हमारी भागीदारी इसका एक उदाहरण है और हम इसे दूसरे देशों की कंपनियों व उद्यमियों के साथ भी आगे बढ़ाना चाहते हैं।

विकास की दूरगामी सोच के साथ कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार दूरदृृष्टि और विकास के लिये दीर्घकालीन रणनीति पर काम कर रही है। राजस्थान विकास को गति देने के लिये स्टार्ट-अप पाॅलिसी लागू करने वाला देश का अग्रणी राज्य है। साथ ही हमने इंफ्रास्ट्रक्चर, श्रम, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और पेयजल के क्षेत्रों में क्रांतिकारी सुधार लागू किये हैं। जिससे राजस्थान को ’ईज आॅफ डूइंग बिजनेस’ के लिये वल्र्ड बैंक की रैंकिंग में छठा स्थान तथा रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया की रिपोर्ट में निवेश के लिये उपयुक्त राज्यों की श्रेणी में तीसरा स्थान हासिल हुआ है।

सफलता का श्रेय पूरी टीम राजस्थान को

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सफलता कड़ी मेहनत के बाद मिली है। इसका श्रेय किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरी टीम राजस्थान को जाता है इसमें उद्योग जगत के साथ प्रदेष की जनता भी शामिल है जिसने हम पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि जनता के सपनों का राजस्थान बनाने के लिये हमें संस्थागत, कानूनी और प्रशासनिक माहौल में सकारात्मकता लाने की भी जरूरत थी, जो हमने बखूबी कर लिया है। उन्होंने बताया कि टीम राजस्थान ने 8 क्षेत्रों में नई नीतियां जारी की हैं। खनन के लिये ई-आॅक्शन करने वाला राजस्थान देश का अग्रणी राज्य बन चुका है। राज्य सरकार ने 61 पुराने पड़ चुके मूल कानूनों एवं 187 संषोधित कानूनों को समाप्त किया है।

प्रदेष में निवेष की अपार सम्भावनाएं

राजस्थान की कृषि अर्थव्यवस्था की विशेषताओं और यहां निवेश की संभावनाओं का जिक्र करते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि पानी की कमी और रेतीली जमीन होने के बावजूद राजस्थान सरसों, मसाले, ऊन, मेहंदी और ग्वार के साथ-साथ चना, बाजरा, गेहूं, संतरा, खाद्यान्न उत्पादन में अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि हम इलेक्ट्राॅनिक सिस्टम्स डवलपमेंट एंड मेन्यूफेक्चरिंग, रक्षा निर्माण, सिरेमिक, सोलर एनर्जी, पावर, सड़क, हेल्थकेयर और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं। इसके साथ ही कृषि मशीनरी, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन, वेयरहाउसिंग, ट्यूरिज्म और हाॅस्पिटेलिटी आदि परम्परागत क्षेत्रों का विकास भी हमारे लिये महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने सभी देशी-विदेशी मेहमानों उद्यमियों और निवेशकों का सम्मेलन में आने के लिये धन्यवाद व्यक्त किया। सिंगापुर के गृह एवं कानून मंत्री श्री के. षणमुगम का विशेष आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगापुर सरकार ने राजस्थान के साथ भागीदारी और दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। यह पार्टनरशिप राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार द्वारा राज्य में प्लास्टिक और फार्मा क्षेत्र में नये संस्थान खोलने सहित करीब दस हजार करोड़ की घोषणाओं के लिये उनका आभार जताया।

को-आॅपरेटिव फेडरलिज्म से राज्य बने सशक्त

श्रीमती राजे ने देश की लगातार मजबूत होती अर्थव्यवस्था के विषय में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एक मजबूत सरकार के कारण यह संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि आज भारत इसलिये शक्तिशाली है, क्योंकि इसके राज्य मजबूत हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने को-आॅपरेटिव फेडरलिज्म के माध्यम से राज्यों को सशक्त किया है तथा मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया कार्यक्रमों के जरिए भविष्य के भारत का खाका पेश किया है। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिये खोलने की अनुमति देने का भी राजस्थान को लाभ मिलेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राजस्थान पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में विदेशी निवेश हासिल करने वाला पहला राज्य बनेगा।

जयपुर, 19 नवम्बर 2015