- Vasundhara Raje - http://vasundhararaje.in -

प्रदेश में वंशावली संरक्षण के काम को गति दी जायेगी

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि युवा पीढ़ी में अपने समृद्ध इतिहास, संस्कृति तथा महापुरूषों के प्रति गौरव का भाव जाग्रत हो इसके लिए प्रदेश में वंशावली संरक्षण के काम को बढ़ावा देने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

श्रीमती राजे शुक्रवार को विद्याश्रम स्कूल स्थित महाराणा प्रताप सभागार में अखिल भारतीय संस्कृति समन्वय संस्थान, जयपुर की ओर से आयोजित श्रद्धेय मुकुन्द आत्माराम पणशीकर स्मृति ग्रंथ विमोचन समारोह तथा ‘भारत की सांस्कृतिक पहचान-चुनौतियां एवं संभावनाएं’ विषय पर राष्ट्रीय आख्यान को संबोधित कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर योग तथा आयुर्वेद के प्रसार पर जोर देते हुए कहा कि आज विकसित देश भी हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा दिए गए बहुमूल्य ज्ञान को अपना रहे हैं। जीवन को नीरोग बनाने की इस पद्धति को बढ़ावा मिले, इसके लिए हमने इस बार के बजट में आयुर्वेद को महत्व देने की पूरी कोशिश की है।

श्रीमती राजे ने युवा पीढ़ी को देश-प्रदेश की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने पर भी बल देते हुए कहा कि श्रद्धेय मुकुन्द आत्माराम पणशीकर जीवनपर्यन्त राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित रहे। उन्होंने विशेषकर महाराष्ट्र में समाज को सही दिशा देने और जनजातियों के उत्थान के लिए समर्पित रहकर कार्य किया।

कार्यक्रम में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा मूल्य आधारित पारिवारिक जीवन पद्धति ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि हमें इतिहास और श्रद्धेय पणशीकर जैसे महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है।

श्री गडकरी ने कहा कि अपने संस्कारों, जीवन पद्धति तथा सर्वसमावेशिकता जैसे गुणों के आधार पर भारत पूरे विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि हम सबको इस बात पर गर्व करना चाहिए कि हमारी संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध धरोहर है और पूरी दुनिया को दिशा देने की ताकत हमारी विरासत में है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता धर्म जागरण समन्वय के अखिल भारतीय प्रमुख श्री शरद राव ने सांस्कृतिक गौरव तथा राष्ट्रप्रेम पर बल दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री श्रीमती राजे तथा केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी ने श्रद्धेय मुकुन्द आत्माराम पणशीकर स्मृति ग्रंथ का विमोचन किया।

इस अवसर पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री यूनुस खान, अखिल भारतीय संस्कृति समन्वय संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर जेपी शर्मा, संरक्षक श्री रामप्रसाद तथा राष्ट्रीय महासचिव श्री आशुतोष पंत सहित बड़ी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रबुद्धजन एवं जनप्रतिनिधिगण आदि उपस्थित थे।

जयपुर, 10 मार्च 2017