भामाशाह योजना को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए 2016 के राष्ट्रीय ई – गवर्नेंस पुरस्कार तथा 2017 के राष्ट्रीय डिजिटल इंडिया पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
महिला सशक्तिकरण और प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता के उद्देश्य से 15 अगस्त 2014 को राजस्थान सरकार ने भामाशाह योजना की शुरूआत की। इस योजना ने ना सिर्फ प्रदेश में नारी शक्ति को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया बल्कि महिलाओं को आर्थिक अधिकार देकर भारत में एक कीर्तिमान भी स्थापित किया है। सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचने से पहले ही बिचौलियों द्वारा डकारने की शिकायतें हमें लगातार मिल रही थी। इस समस्या के समाधान के लिए हमनें भामाशाह योजना जैसे ड्रीम प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाया और आज परिणाम जनता के सामने हैं।
भामाशाह योजना के तहत महिला को परिवार की मुखिया मानकर परिवारिक सदस्यों की जानकारी इससे जोड़ी साथ ही बैंक खातों को भी इससे जुड़वाया। इसके बाद व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की ओर अहम कदम बढ़ाते हुए पेंशन, नरेगा, छात्रवृत्ति, जननी सुरक्षा सहित विभिन्न कल्याणकारी योजानाओं का लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खातों में पहुंचाने का काम किया। राजस्थान को डिजिटल प्रदेश बनाने की ओर बढ़ते हुए भामाशाह प्लेटफार्म के माध्यम से सीधे नकद हस्तांतरण का आंकड़ा अक्टूबर तक 10 हजार करोड़ रूपये को पार कर गया।
इस योजना में अब तक करीब 29 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए हैं जिसका सीधा लाभ करीब 1.50 करोड़ परिवारों को मिला है। प्रदेश सरकार की इस योजना से अब तक करीब 5.50 करोड़ लोग जुड़े हैं। इतना ही नहीं पैसे की प्राप्ति और निकलवाने संबंधी हर लेन-देन की सूचना भी लाभार्थियों को अपने मोबाइल पर एसएमएस द्वारा तुरंत मिल रही है। सरकार अब आगामी योजनाओं को भी भामाशाह से जोड़ने पर विचार कर रही है ताकि आमजन को अविलंब सीधे लाभ प्राप्त हो सके। अनेकानेक प्रकार की सुविधाएं प्रदान कर रही भामाशाह योजना को प्रदेश की जनता का अपार समर्थन मिल रहा है जिसकी मैं आभारी हूं।